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रांची/डेस्कः विवादों से घिरी NEET UG पेपर लीक मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज अहम सुनवाई होने वाली है. मगर इससे पहले एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) ने कोर्ट के समक्ष लिखित दलीलें दाखिल की हैं सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं के साझा संकलन के जवाब में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने नई लिखित दलीलें दी हैं इसमें पिछले हलफनामें में दी गई सभी दलीलों को दोहराया गया है. इस संबंध में NTA ने कहा है कि यह कोई व्यवस्थागत विफलता नहीं है.
ईमानदारी से अपना कर काम रही है सीबीआई- NTA
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी ने कहा है कि पाठ्यक्रम में 25 प्रतिशत की कमी की वजह से अंकों में वृद्धि हुई है कथित टेलीग्राम वीडियो की निंदा करते हुए एनटीए ने एक बार फिर से कहा कि इसे एडिट करते दिखाया गया है कि नीट पेपर लीक 4 मई को हुआ है जबकि परीक्षा 5 मई को आयोजित होने वाली थी. एनटीए ने पटना, सवाई माधोपुर में पेपर लीक होने का दावा को गलत बताया. साथ ही कहा कि अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों को दूसरों से अलग करने के लिए कदम उठाए गए हैं CBI ईमानदारी से अपना काम कर रही है. यह कहना गलत है कि योग्य उम्मीदवारों को उनके अवसरों से वंचित किया जाएगा क्योंकि उम्मीदवारों का चयन योग्यता और रैंक के आधार पर होता है अंकों के आधार पर नहीं.
जानें क्या है पूरा मामला
आपको बता दें, 4 जून 2024 को Neet यूजी परीक्षा का परिणाम सामने आया जिसके बाद परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के बीच खलबली मच गई. परीक्षा के जारी हुए रिजल्ट में 67 टॉपर्स और एक ही सेंटर से 8 टॉपर का नाम लिस्ट सामने आया जिसे देखने के बाद छात्रों को परीक्षा में धांधली का संदेह हुआ. इसके उपरांत अभ्यर्थियों ने सड़कों से लेकर सोशल मीडिया पर NTA के विरूद्ध जांच की मांग उठाई. इस दौरान अभ्यर्थियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई. इस बीच एनटीए ने कोर्ट के समक्ष यह निर्णय लिया कि ग्रेस मार्क्स वाले कैंडिडेट्स का एनटीए दोबारा परीक्षा दिलवाएंगे. इसके बाद 23 जून को परीक्षा आयोजित की गई जिसमें टॉपर 67 से घटकर 61 हो गए.