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मधुपुर/डेस्क: देशभर में भगवान शिव के कई ज्योतिर्लिंग स्थापित है लेकिन यह मंदिर महाभारत काल का है. ऐसी ही एक जगह है झारखंड के मधुपुर शहर से दस किलोमीटर दूर गोसुवा गांव में स्थित आपरूपी शिव मंदिर- देवघर जिले के ऐतिहासिक एवं पौराणिक गोसुवा का शिवमंदिर कला व स्थापत्य के दृष्टिकोण से पुरातत्वविदों के लिए शोध का विषय है. मंदिर में लगभग 1000 वर्षों से पूजा अर्चना होती आ रही है ,किवदंती है कि महाभारत काल में यह इलाका अंगप्रदेश था, पाण्डवो ने अज्ञातवाश के दौरान यहाँ शिवलिंग की स्थापना कर पूजा अर्चना की थी.
कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने एक रात एक शिला से मंदिर का निर्माण किया था, मन्दिर का गुंबज चारो ओर से चारो दिशाओ में झुका हुआ प्रतीत होता हैं. साथ ही मंदिर के गुंबज में एक बड़ा दरार है जो महाशिवरात्री के दिन जुड़ जाता है. यह मंदिर सदियों से लोगों के आस्था का केंद्र बना हुआ है.
यहां सालोंभर दूरदराज से लोग पूजा-अर्चना करने आते हैं. मंदिर के गर्भगृह में एक विशाल शिवलिंग स्थापित है. यह मंदिर विशेष पत्थर से बना है. मंदिर के उपरी भाग में गोल पत्थर लगा है. जिसपर कलात्मक ढ़ग से नक्काशी की हुई है. यहां आसपास हजारों भक्त बाबा के दरबार में अपनी हाजिरी देते हैं. पूजा की व्यवस्था आपसी सहयोग से की जाती है.