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रांची/डेस्कः- बिहार में पुल गिरने का सिलसिला कम नहीं हो रहा है. एक हप्ते के अंदर तीन पुल गिरने से राज्य में हलचल मच गई है. इसी सप्ताह बिहार के अररिया व सिवान में पुल गिरा था अब मोतीहारी में पुल गिरने की खबर सामने आ रही है. शनिवार की रात निर्मानाधीन पुल गिर गई जो लगभग डेढ़ करोड की लागत से बन रही थी. बिहार के पूर्वी चंपारण के मोतीहारी में निर्मानाधीन छोटा सा पुल ढह गया. जो राज्य में इसी हप्ते पुल गिरने की तीसरी घटना है. मोतीहारी के घोड़ासहन ब्लॉक में 2करोड़ रुपए की लागत से बन रही पुल के ढ़लाई का काम हो चुका था. इस पुल निर्मान का काम धीरेंद्र कंस्ट्रक्शन को मिला था. पुल के निर्मान के शुरुआती दौर में ग्रामीणों ने पुल के कमजोर खंभों के प्रति आपत्ति जताई थी. जिलाधिकारी ने बताया कि पुल गिरने से किसी तरह की कोई जान की हानि नहीं हुई. उन्होने बताया कि पुल 30 साल पुराना था गांवों को जोड़ने वाली नहर पर बनाया गया था. नहर की पानी छड़ने पर ही पुल ढहा है. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है.
अररिया में उद्घाटन के दौरान ढ़हा था पुल
मंगलवार को अररिया जिले में 180 मीटर लंबा नवनिर्मित पुल ढ़ह गया था. अररिया के वकरा नदी में यह पुल बनाया गया था औऱ इस पुल का उद्घाटन होना था. लेकिन ठीक इसके पहले पुल गिर गया. यह पुल करीब 12 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था. इस पुल निर्मान की जिम्मेदारी कार्यपालक अभियंता अशुतोष कुमार रंजन को मिली थी. विभागीय मंत्री अशोक चौधरी ने ठेकेदार के विरुद्ध प्रथमिकी दर्ज कर उसे ब्लैक लिस्टेड करने का निर्देश दिया है. ऐसा कही जा रहा है कि पुल जमीन पर ही पुलर गाड़ कर तैयार किया गया था. पुल बनाने के दौरान घटिया किस्म के सामग्री का इश्तेमाल किया गया था और जब पुल गिरा तो विभागीय अभियंता ने नदी के ही हादसे का कारण बता दिया.
पहले भी कई पुल गिरे हैं बिहार में
बिहार में ये कोई पहला मामला नहीं हा जब कोई पुल गिरा हो, पिछले एक साल में बिहार में पुल गिरने की लंबी फहरिस्त है. मार्च में इसी साल एक पुल गिरने से एक व्यक्ति की जान भी चली गई थी. यह पुल सुपौल जिले के कोशी नदी में बन रही थी जिसकी लंबाई 10.2 किलोमीटर है. पिछले साल खगड़िया के गंगा घाट में निर्मानाधीन पुल तीन पाया समेत ढ़ह गई थी. इस पुल की लागत करीब 1700 करोड़ रुपए थी. नितिश कुमार ने इस पुल हादसे के सिलसिले में जांच के आदेश भी दिए थे. खगड़िया हादसे से पहले राजधानी पटना में भी एक निर्माधीन पुल भ्रष्ट नीतियों की वजह से ढ़ह गया.पुल को बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया था, ऐसा ग्रामीणों का आरोप था.