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रांची/डेस्क: तिरुपति बालाजी मंदिर, जिसे भारत के सबसे धनी और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक माना जाता है, हाल ही में फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार चर्चा का विषय मंदिर में प्रसाद और लड्डुओं में मिलावट का मामला है लेकिन एक और खास पहलू जिसे जानकर लोग हैरान हो जाते है, वह है मंदिर में चढ़ाए गए बालों का इस्तेमाल. हर साल लाखों की संख्या में भक्त Tirumala Tirupati Devasthanams (TTD) में भगवान श्री वेंकटेश्वर को अपने बाल अर्पित करते है और इन बालों की नीलामी से ट्रस्ट को भारी राजस्व प्राप्त होता हैं.
क्यों होती है बाल दान की परंपरा
तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान की परंपरा सदियों पुरानी हैं. हिंदू धर्म के अनुसार, बालों को जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता हैं. यह मान्यता है कि जो भक्त तिरुपति बालाजी के चरणों में अपने बालों का दान करते है, उनके जीवन से सभी तरह की बुराइयां और नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती हैं. इसके साथ ही भगवान वेंकटेश्वर उन्हें जीवन में आर्थिक समृद्धि और खुशहाली प्रदान करते हैं. भक्तों का यह विश्वास है कि बाल दान से उनके सभी दुख दूर हो जाएंगे और मां लक्ष्मी की कृपा उन पर बनी रहेगी.
बालों की नीलामी से करोड़ों की कमा
भक्तों द्वारा दान किए गए बाल Tirumala Tirupati Devasthanams Trust (TTD) के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत हैं. हर महीने इन बालों की नीलामी की जाती हैं. उदाहरण के तौर पर, साल 2018 में बालों की नीलामी से ट्रस्ट को लगभग 6.39 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी. बालों को उनकी गुणवत्ता और लंबाई के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में बांटा जाता है, जिनकी कीमत भी उसी के अनुसार तय होती हैं.
बालों की श्रेणियां और उनकी कीमतें
दान किए गए बालों को साफ करके उनकी लंबाई के अनुसार 5 से 31 इंच तक की श्रेणियों में बांटा जाता हैं. इन बालों की नीलामी में अलग-अलग कीमतें मिलती हैं. उदाहरण के लिए, सबसे अच्छी गुणवत्ता के बाल प्रति किलोग्राम 22,494 रुपये में बिके, जिससे कुल 1.35 करोड़ रुपये की आय हुई. वहीं, दूसरी श्रेणी के बाल 17,223 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिके और इससे ट्रस्ट को 4.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई. इसके अलावा तीसरी श्रेणी के बालों से 14.17 लाख रुपये और चौथी श्रेणी से 2.39 लाख रुपये की कमाई हुई. यहां तक कि सफेद बाल भी 5462 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से बिकते हैं, जिससे भी लाखों की कमाई होती हैं.
बालों को कैसे किया जाता है तैयार?
दान किए गए बालों को इस्तेमाल करने से पहले एक खास प्रक्रिया से गुजारा जाता हैं. सबसे पहले इन बालों को उबाला जाता है, फिर उन्हें अच्छी तरह से धोया जाता है और सूखने के बाद इन्हें गोदाम में स्टोर किया जाता हैं. यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि बाल पूरी तरह से साफ और शुद्ध हों. इसके बाद बालों को उनकी लंबाई और गुणवत्ता के आधार पर वर्गीकृत करके नीलामी के लिए तैयार किया जाता हैं.
दान किए गए बालों का इस्तेमाल
न सिर्फ मंदिर के ट्रस्ट को इन बालों से अच्छी कमाई होती है बल्कि यह बाल विश्व भर में निर्यात भी किए जाते हैं. इन बालों का इस्तेमाल प्रमुख रूप से Wig बनाने, Extension और Cosmetic Products में किया जाता हैं. भारतीय बालों की उच्च गुणवत्ता और प्राकृतिक बनावट की वजह से इनकी मांग अंतरराष्ट्रीय बाजारों में काफी ज्यादा हैं.
तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान की प्रथा न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह Tirumala Tirupati Devasthanams Trust के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत भी हैं. भक्तों की भक्ति और आस्था के साथ-साथ, यह प्रक्रिया मंदिर के आर्थिक मॉडल का भी अहम हिस्सा बन चुकी हैं.