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बहरागोड़ा में गरमा धान की खेती के लिए रोपाई जोरों पर

किसानों का अच्छी तकनीक, जागरूकता व कठोर परिश्रम से बहुत अच्छी फसलों की होती है पैदावार
बहरागोड़ा में गरमा धान की खेती के लिए रोपाई जोरों पर

गौरव पाल/न्यूज 11


बहरागोड़ा/डेस्क: धान के कोटरा कहे जाने वाले बहरागोड़ा क्षेत्र में गरमा धान(रबी फसल) की रूपाई जोरों पर है. यहाँ गरमा धान की खेती लगभग तीन चार हजार एकर में होती है.बहरागोड़ा के किसानों का अच्छी तकनीक, जागरूकता व कठोर परिश्रम से बहुत अच्छी फसलों की पैदावार होता है. यहां के किसान रासायनिक खाद व कीटनाशक के साथ-साथ जैविक कंपोस्ट खाद और किटनासी का भी प्रयोग करते हैं आ रहे हैं, यानी रासायनिक और जैविक खाद के साथ किटनाशक का संतुलन करते हुए क्षेत्र में उपयोग करते हैं. इस दौरान मिट्टी की सुरक्षा, फसल की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुरक्षा, पर्यावरण का सुरक्षा मिलता है और उपज ज्यादा होता है. 

 


 

क्षेत्र के ब्रामनकुंडी, कुलीआ, टाडूआ, पारुलिया आदि गॉव के किसानों ने कहा धान की उचित मूल्य नहीं मिल पाता, इलेक्ट्रिक बिल ज्यादा बढ़ने से परेशानी, सही और अच्छी परिश्रम करने वाले किसानों को सरकारी और से कुछ सहायता नहीं मिल पाता, अच्छी किस्म के बीच सही समय पर उपलब्ध नहीं होता, केसीसी कार्ड किसान लोन के लिए किसानों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है, आपदा कालीन परिस्थिति में नुकसान होने वाले फसलों की उचित मुआवजा उचित दर पर नहीं मिलता, धान बेचने के लिए सही समय पर धान क्रय केंद्र नहीं खुलता इसके लिए हम लोगों को ना चाहते हुए भी कम दाम पर पश्चिम बंगाल के व्यवसायियों को धान को बेचना पड़ता है. हर बर्ष किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ती है. रबी फसल के लिए हल, नागर और ट्रैक्टर चलाकर खेत तैयार किए जा रहे हैं. किसान परिवार सहित सुबह से ही खेत पहुंचकर तैयारी कर रहे हैं. इस साल अच्छी बारिश के साथ ही बेहतर उत्पादन की उम्मीद है. किसान सुबह से शाम तक खेतों में काम कर रहे हैं.
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