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रांची/डेस्क: पुरी के जगन्नाथ मंदिर के खजाने को 46 साल बाद एक बार फिर खोला गया. 12वीं सदी में निर्मित जगन्नाथ मंदिर का प्रतिष्ठित खजाने में कई कीमती जेवरात व रत्न मौजूद हैं. ओडिशा सरकार जगन्नाथ मंदिर के इस खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती सामानों की सूची तैयार करेगी. दुनियाभर में रह रहे भगवान जगन्नाथ के भक्तों को इस पल का काफी समय से इंतजार था. खजाने के अंदर मिले आभूषणों की क्वालिटी की जांच और वजन किया जाएगा. इस दौरान मेडिकल टीम और स्नेक एक्सपर्ट की टीम भी मौजूद होगी.
इस खजाने की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने निगरानी समिति बनाई है. साथ ही मंदिर परिसर में मेटल डिटेक्टर के साथ पुलिस की गाड़ियां और स्नेक हेल्पलाइन टीम मौजूद रही. इसको लेकर रत्न भंडार समिति ने भी बैठक की. मंदिर के अंदर से खजाने को लाने के लिए बड़े ट्रंक बॉक्स लाए गए हैं. आशंका जताई जा रही है कि खजाने के अंदर सांप हैं. सांप पकड़ने वालों की दो टीमें मौके पर हैं. रत्न भंडार को खोलने के लिए एसजेटीए मुख्य प्रशासक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम गठित की गई है. साथ ही आरबीआई के प्रतिनिधि भी मौके पर मौजूद रहेंगे ताकि पारदर्शिता का ख्याल रखा जाए. खजाने के आभूषणों की डिजिटल फोटोग्राफी भी होगी. पिछले 24 साल से रत्न भंडार नहीं खोला गया था. भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के एक महीने के भीतर इसे खोल दिया है है. इस खजाने की खास बात यह है कि इसमें आभूषणों, रत्नों के अलावा बड़ी संख्या में सांप के होने की भी आशंका है.