छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले से जुड़ें झारखंड के तार, विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को बनाया गया आरोपी
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले से झारखंड के तार जुड़ें है. छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के संबंध में झारखंड में EOW और ACB ने नई एफआईआर दर्ज की है. इस प्राथमिकी में धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचाने की धाराओं में एफआईआर झारखंड से जुड़ें हाई प्रोफाइल लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. इसमें एक आईएएस अधिकारी और सचिव लेवल के अधिकारी पर एफआईआर हुआ है.
इसमें तत्कालीन आबकारी सचिव विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के नाम शामिल है. गजेंद्र सिंह आबकारी के संयुक्त आयुक्त के पद पर कार्यरत थे. उन दोनों पर भ्रष्टाचार और सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. इस मामले में आने वाले दिनों में कई गिरफ्तारियां होने की संभावना है.
वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अपने सोशल मीडिया 'X' पर एक गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत सोरेन सरकार, जो घोटालों और धोखाधड़ी के लिए जानी जाती है, एक बार फिर से बड़े शराब घोटाले की योजना बना रही है. उन्होंने पहले भी राज्य में संभावित शराब घोटालों के प्रति चिंता व्यक्त की थी और मुख्यमंत्री को इस विषय में चेतावनी दी थी, लेकिन मुख्यमंत्री ने नैतिकता को नजरअंदाज करते हुए हेरा-फेरी का रास्ता अपनाया है.
उन्होंने आगे कहा कि हेमंत सोरेन ने धन अर्जित करने की अपनी प्रवृत्ति के कारण लगातार तीसरी बार शराब नीति में परिवर्तन किया है, जिससे चुनाव के लिए काले धन का संग्रह करने की योजना बनाई जा रही है. मैं आज एक बार फिर से यह बात जनता के समक्ष रख रहा हूँ कि राज्य में तीसरी बार शराब घोटाले की साजिश की जा रही है.
पिछले शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ के शराब माफिया शामिल थे, जबकि इस बार पंजाब और हरियाणा के शराब माफियाओं को शामिल करने की योजना है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस घोटाले की योजना बिरसा मुंडा जेल से बनाई जा रही है. इस बार का मुख्य उद्देश्य चुनाव के लिए भारी मात्रा में धन जुटाना और चुनाव के समय गांव-गांव में शराब वितरित करना है. जिस सरकार का कार्यकाल केवल दो महीने शेष है, वह अगले तीन वर्षों के लिए शराब की दुकानों का ठेका सीधे पंजाब-हरियाणा के लोगों को देने की तैयारी कर रही है.
उन्होंने कहा कि बीते 1 सितम्बर को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया गया था कि गांव की गरीब आदिवासी महिलाओं, जो शराब का बेचती हैं, उन्हें सरकारी शराब वितरण प्रणाली से जोड़ा जाए. लेकिन मुख्यमंत्री अपनी पुरानी आदतों से नहीं उबर पा रहे हैं. हेमंत सोरेन पर तंज कसते हुए कहा है कि वास्तव में यह सही है कि चोर चोरी करके ही जाता है, हेरा-फेरी करके नहीं.
हेमंत सरकार शराब नीति की आड़ में बड़े घोटाले को अंजाम देने की तैयारी में है- बाबूलाल मंराडी