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रांची/डेस्क:- पैंक्रियाज इंसुलिन का प्रोडक्शन जब बंद हो जाता है तो डायबिटीज का होना प्रारंभ हो जाता है. इंसुलिन ही ब्लड शूगर को कंट्रोल करता है. बढ़ी हुई ब्लड शुगर को हाइपरग्लाइकेमिया के नाम से जाना जाता है. जिसके वजह से शरीर के कई हिस्सों में ब्लड व वेसिल्स का नुकसान देखा जाता है. ओवरवेट, अनहेल्दी लाइफस्टाइल, नींद की कमी आदि डायबिटीज के कारण हो सकते हैं. हाल ही में एक अध्ययन से पता चला कि रेड मीट खाने से टाइप 2 शूगर का खतरा बढ़ने की संभावना बनी रहती है. इसमें एक पूरी स्टडी कराया गया है. इंग्लैंड के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स ने 20 देशों में कुल 31 स्टडी करवाया जिसमें से 19.7 लाख लोगों का डेटा इक्ट्ठा किया गया, इस आंकड़े को कुल 18 अनपब्लिश्ड स्टडीज में यूज किया गया. इसमें शामिल लोगों की उम्र, लिंग, हेल्थ, कैलोरी, वजन काफी सारा चीजों का अध्ययन करवाया गया था.
स्टडी मे शामिल लोगों में ये भी अध्ययन किया गया कि वो लोग हर रोज 50 ग्राम प्रोसेस्ड फूड का सेवन करें. कुछ दिन के बाद देखा गया कि ऐसे लोगों में टाइप 2 डायविटीज विकसित होने का जोखिम 15 फीसदी और बढ़ जाता है. इस तरह की डायबिटीज के मामले को कम करने के लिए प्रोसेस्ड मीट व अनप्रोसेस्ड रेड मीट के सेवन में कमी करने की सिफारिश की गई. कहा जाता है कि पोल्ट्री और टाइप 2 के बीच भी संबंध अच्छी नहीं है इसमें और भी स्टडी की जरुरत है. जब शरीर प्रयाप्त मात्रा में इन्सुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता ऐसे में शरीर में डायबिटिज बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है.