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रांची/डेस्क: वट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat) का सनातन धर्म में विशेष महत्व होता है. महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए वट सावित्री की पूजा करती है. महिलाएं इस दिन वट वृक्ष या बरगद के वृक्ष की पूजा करती है. बता दें कि यह त्योहार उत्तर भारत में पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के मुताबिक, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर रखा जाता है. आपको ये भी बता दें कि इसी दिन शनि जयंती भी मनाई जाती है. तो आइये जानते है कब है वट सावित्री व्रत.
वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के मुताबिक, अमावस्या तिथि की शुरुआत इस बार 5 जून को रात 7 बजकर 54 मिनट पर हो रही है जो 6 जून को शाम 6 बजकर 07 मिनट पर समाप्त हो रहा है. इसलिए उदयातिथि के अनुसार, वट सावित्री का व्रत इस बार 6 जून को ही रखा जाएगा.
ऐसे करें वट सावित्री व्रत की पूजा
सबसे पहले महिलाएं इस दिन सुबह स्नान करके लाल या पीले रंग का वस्त्र पहने. इसके बाद एक स्थान पर भी पूजन सामग्री को एकत्रित कर ले. फिर सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा वट वृक्ष के नीचे स्थापित करें. इसके बाद बरगद के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करें. इसके बाद अक्षत, पुष्प, गुड़ मिठाई और भीगा चना चढ़ाएं. अब वृक्ष की 7 बार परिक्रमा करते हुए कच्चा सूत या कलावा लपेटें.अब कथा पढ़ें या सुने.