न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: आज, बुधवार (16 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में को वक्फ एक्ट से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई होगी, जिसमें 20 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं. यह सुनवाई दोपहर 2 बजे CJI संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच द्वारा की जाएगी, जबकि पहले इसे तीन जजों की बेंच द्वारा सुनवाई के लिए निर्धारित किया गया था. वहीं, एक पक्ष ने इस एक्ट में संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है, साथ ही इसे मनमाना और मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण करार दिया है.
वक्फ कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं में सुप्रीम कोर्ट से इसके कार्यान्वयन पर रोक लगाने की अपील की गई हैं. कांग्रेस, JDU, AAP, DMK, CPI जैसी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने भी इस एक्ट को चुनौती दी है, जबकि जमीयत उलेमा हिंद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड जैसी धार्मिक संस्थाएं और विभिन्न NGO भी इसके संशोधन के खिलाफ हैं.
सुनवाई से पहले किरेन रिजूज बोले- मुझे भरोसा है सुप्रीम कोर्ट विधायी मामले में दखल नहीं देगा
देश में वक्फ कानून के खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, जिनमें कुछ स्थानों पर हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं. कांग्रेस सहित कई राजनीतिक दल इस कानून को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर चुके हैं. सुनवाई से पूर्व केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विश्वास व्यक्त किया कि सुप्रीम कोर्ट कानून बनाने में हस्तक्षेप नहीं करेगा और कहा कि विधायिका तथा न्यायपालिका को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक की जांच पहले कभी इतनी गहन नहीं हुई, जिसमें एक करोड़ लोगों की राय शामिल है, जेपीसी की कई बैठकें हुईं और राज्यसभा में इस पर विस्तृत चर्चा की गई. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया है कि वह अपने राज्य में वक्फ कानून को लागू नहीं होने देंगी, जिस पर रिजिजू ने प्रश्न उठाया कि क्या ममता के पास ऐसा कहने का नैतिक या संवैधानिक अधिकार है.