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रांची/डेस्क: आप सभी को तो जया किशोरी के बारे में मालूम ही होगा. वह आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. भारत में करीब सभी लोग उन्हें पहचानते ही होंगे. आपको बता दें कि जया किशोरी एक भजन गायिका और कथावाचक है. वह बहुत छोटी सी ही उम्र से नरसी का भात, नानी बाई का मायरो, भागवत गीता जैसी कथाएं सुनाकर पॉपुलर हुईं है. वह आज के समय में पूरे देश के साथ-साथ विदेशों में भी काफी मशहूर है. उनके कई कथाएं और गाने लोग काफी पसंद करते है.
जया अपने कथाएं और गानों के लिए देश-विदेश में काफी पॉपुलर है. उन्हें सुनने के लिए काफी बड़ी संख्या में लोग आते है. कई लोगों के मन में यह सवाल रहते है कि वह कोई साध्वी या संत है या नहीं? ऐसे में जया ने खुद इस सवाल पर चुप्पी तोड़ते हुए कहा था कि वह कोई साध्वी या संत नहीं है. जया किशोरी के नाम और उनके काम से तो आप वाकिफ हो गए. लेकिन क्या आपको उनके बचपन का नाम पता है? आइए आपको इस बारे में जानकारी देते है.
आपको बता दें कि राजस्थान के छोटे से गांव सुजानगढ़ गांव की निवासी है जया किशोरी. उन्होंने अध्यात्म के साथ बीकॉम की पढ़ाई की है. जया का झुकाव बचपन से ही अध्यात्म की तरफ था. वह छोटी से उम्र से ही भक्ति की ओर मुड़ गई थी. वह एक ब्राह्मण परिवार से आती है. जया किशोरी के बचपन का नाम जया शर्मा है. जया शर्मा काफी बाद में जया किशोरी बन गई. उन्हें गुरु गोविंद राम मिश्रा ने किशोरी की उपाधि दी थी. आज जया किशोरी के नाम हर कोई परिचित है. आपको बता दें कि जया किशोरी को कई अवॉर्ड भी मिल चुके हैं.
नोट: यह खबर मीडिया रिपोर्ट्स और सामान्य जानकारी पर आधारित है. हम इस बात की पुष्टि नहीं करते है.