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रांची/डेस्क: हमारे देश में व्हिस्की पीने वालों की कमी नहीं है. व्हिस्की पीने के बहुत से लोग शौकीन है. व्हिस्की की बोतल पर तरह-तरह के नाम लिखे होते हैं. यह बताते हैं कि व्हिस्की किस कैटेगरी की है. अगर आप अलग-अलग व्हिस्की की बोतल उठा कर देखें तो उन पर अलग-अलग तरह के क्रांतिकारी लिखे होते हैं. इनमें सिंगल माल्ट,स्कॉच,ब्लेंडेड आयरिश बरबन जैसे नाम लिखे होते हैं. इन नाम से यह पता चलता है कि व्हिस्की कहां की है और इसे किस तरह बनाया गया है. इस खबर में हम आपको इन शब्दों का असली मतलब समझाएंगे. व्हिस्की के बहुत सारे प्रकार होते हैं इन्हें एक बार में याद रखना काफी मुश्किल है. हालांकि हम व्हिस्की को मुख्य तौर पर दो तरीके से विवरण कर सकते हैं. पहले इसका उत्पादन किस क्षेत्र में हुआ है, दूसरा इसे किस तरह से बनाया गया है.
अगर हम क्षेत्र के आधार पर व्हिस्की का विवरण करते हैं तो इससे सबसे लोकप्रिय और आम प्रकार स्कॉच है. स्कॉच व्हिस्की को तैयार करने का एक खास प्रक्रिया होता है. इसके अलावा अगर व्हिस्की स्कॉटलैंड में बनाई गई हो तो उसे हम स्कॉच कहते हैं. इसी तरह इरिस व्हिस्की को आयरलैंड में तैयार किया जाता है.अमेरिका के टेनिसी क्षेत्र में तैयार किए जाने वाले व्हिस्की को टेनिस व्हिस्की कहते हैं. कनाडा और जापान में बनाई गई व्हिस्की को कनाडा व्हिस्की और जैपनीज व्हिस्की कहते हैं. व्हिस्की को बनाने के तरीके के आधार पर मुख्य तौर पर तीन तरह के व्हिस्की होते हैं. इनमें पहला ग्रीन व्हिस्की है. ग्रीन व्हिस्की को बनाने में गेहूं या मक्का या फिर दोनों का इस्तेमाल किया जाता है. दूसरा सिंगल माल्ट व्हिस्की है. यह एक प्रीमियम व्हिस्की है. इसे बनाने में सिंगल डिस्टलरी का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें किसी एक प्रकार के अनाज का इस्तेमाल किया जाता है. तीसरा ब्लेंडेड व्हिस्की है. इसमें सिंगल माल्ट ग्रेन व्हिस्की और कई अन्य प्रकार के व्हिस्की को मिक्स किया जाता है. वही स्कॉच व्हिस्की को बनाने के लिए उसे 3 साल तक ओक की लकड़ी से बने पीपो में रखा जाता है.