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रांची/डेस्क: अक्सर गुस्से में बहुत सारी बातें बोल जाते है लेकिन गुस्से में किसी मौसूम की जान लेना वाला मामला शायद ही किसी ने सुना होगा. गाजियाबाद के मरियम हॉस्पिटल में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया हैं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एक गरीब परिवार की छोटी बच्ची की मौत का आरोप अस्पताल प्रशासन पर लगाया जा रहा हैं. परिजनों का कहना है कि अस्पताल ने एंबुलेंस सेवा के 6,000 रुपये मांगने के बाद जब परिवार ने सस्ती एंबुलेंस बुलाई, तो नाराज होकर अस्पताल कर्मियों ने बच्ची का ऑक्सीजन मास्क हटा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. मृतक बच्ची के परिजनों के अनुसार, उनकी बच्ची की हालत गंभीर थी और उसे एक अन्य अस्पताल में रेफर किया जा रहा था. मरियम हॉस्पिटल ने एंबुलेंस के लिए 6,000 रुपये की मांग की, जो परिवार की क्षमता से बाहर था. इसके बाद परिजनों ने किसी अन्य अस्पताल से कम पैसों में एंबुलेंस बुला ली.
परिवार ने लगाया आरोप
परिवार का यह आरोप है कि जब सस्ती एंबुलेंस आई, तो मरियम हॉस्पिटल के स्टाफ ने गुस्से में आकर बच्ची का ऑक्सीजन मास्क हटा दिया, जिससे उसकी जान चली गई. एंबुलेंस के स्टाफ और अस्पताल के डॉक्टर के बीच बातचीत के दौरान बच्ची की हालत और बिगड़ गई और इसी बीच बच्ची का ऑक्सीजन सप्लाई मास्क निकाल दिया गया. परिजनों का आरोप है कि इस लापरवाही की वजह से उनकी बच्ची की मौत हो गई.
अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया
घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को तुरंत CPR (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. CPR के दौरान बच्ची के मुंह से खून भी निकलने लगा, जिससे उसकी हालत और खराब हो गई अंततः बच्ची ने दम तोड़ दिया. अस्पताल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
इलाके में फैला आक्रोश
इस घटना के बाद पूरे इलाके में भारी आक्रोश फैल गया हैं. स्थानीय लोग अस्पताल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. स्थानीय निवासी इस अमानवीय घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन की कड़ी निंदा कर रहे है और इसे "निर्मम और गैर-जिम्मेदाराना" करार दे रहे हैं.
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलने के बाद नंदग्राम थाना पुलिस की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया हैं. पुलिस अधिकारियों का यह कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. पुलिस ने पीड़ित परिवार को न्याय का आश्वासन दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी हैं. फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि बच्ची की मौत का असली कारण क्या था.
समाज में सवाल
गाजियाबाद की यह घटना अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति आम लोगों की आस्था को झकझोर रही हैं. अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या दोषियों को सजा मिलती है या नहीं. वहीं, पीड़ित परिवार और स्थानीय लोग न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं.