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रांची/डेस्क: छठ महापर्व की शुरुआत होते ही घाटों पर व्रतियों की भीड़ उमड़ने लगी है. छठ पर्व की शुरुआत बिहार के मुंगेर जिला से हुई थी. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मुंगेर के गंगा तट माता सीता ने सबसे पहला छठ पूजन किया था. इसके बाद से ही बिहार में छठ पूजा की शुरुआत हुई. कहा जाता है कि भगवान राम के साथ वनवास के दौरान सीता माता ने ऐतिहासिक नगरी मुंगेर में छठ पर्व किया था.
बिहार में छठ को महापर्व कहा जाता है. बिहार के साथ-साथ देश के अन्य राज्यों और विदेशों में भी छठ महापर्व को पूरी आस्था के साथ मनाया जाता है. लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा को लेकर लोगों के अंदर कितना विश्वाश और आस्था है, इसका अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि छठ व्रती भारी संख्या में घाट पर आज से ही गंगा स्नान करने और गंगा जल लेने पहुंचने लगे हैं.
छठ महापर्व की शुरुआत 5 नवंबर से गंगा स्नान और नहाय खाय से हुई. आज यानी दूसरे दिन खरना होता है, इस दिन चावल और गुड़ की खीर का प्रसाद बनाया जाता है. व्रत करने वाली महिलाएं केवल एक ही समय शाम में भोजन करती हैं. कल यानी 7 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 8 नवंबर को उषा अर्घ्य दिया जाएगा.