गौतम सिंह/न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है. जिसके बाद से ही बीजेपी ने नये अध्यक्ष की खोज शुरू कर दी है. जेपी नड्डा के तीन साल का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो गया था. लेकिन चुनावी वर्ष को देखते हुए उनके कार्यकाल को बढा दिया गया था. नरेंद्र मोदी के शासन में कौन क्या बनने वाला है, यह अनुमान लगाना मुश्किल होता है. लेकिन राजनीतिक गलियारों में कई नामों पर चर्चा चल रही है. जिनमें अनुराग ठाकुर, बीएल संतोष, सुनील बंसल, लक्ष्मण, विनोद तावड़े जैसे नाम शामिल हैं.
RSS का करीबी हो सकते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
इन नामों के अलावा भी देश में कई कयास लगाये जा रहे हैं. कोई कह रहा है कि इस बार बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय स्वंय सेवक(RSS) की पृष्ठभूमि से होगा. जो बीजेपी और RSS के बीच समन्वय बनाकर चलेगा. चूंकि RSS और बीजेपी के मतभेद इन दिनों खुलकर सामने आ गये हैं. नहीं तो इनके मतभेद से दोनों संगठनों को सामाजिक और राजनीतिक रुप से हानि हो सकता है.
किसी मराठा चेहरा का भी हो सकता है चयन
अगले कुछ महिनों में देश 3 राज्यों में विधानसभा का चुनाव होना है. जिसमें महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड शामिल है. बीजेपी के लिये इन तीनों राज्यों को जीतना बहुत महत्वपूर्ण है. खासकर लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी और एनडीए के लिये महाराष्ट्र चुनाव सबसे महत्वपूर्ण है. जहां बीजेपी और एनडीए को लोकसभा चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. इसके लिये बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष कोई मराठा को बना सकती है. बीजेपी के कई महासचिव भी मराठा हैं और बीजेपी महासचिव को अध्यक्ष भी बना सकती है. ये हमलोग पहले देख चुके हैं.
दलित चेहरे को भी दिया जा सकता है मौका
तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी अपने अध्यक्ष का चुनाव जातीय निर्णय पर भी ले सकती है. जिसमें ओबीसी चेहरे के रुप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद शीर्ष पर बैठे हैं. तो समान्य वर्ग से अध्यक्ष बनाया जा सकता है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी और एनडीए को दलित वोटों का तगड़ा झटका लगा है. ऐसे में दलित समाज से अध्यक्ष का चुनाव हो सकता है. जिससे आनेवाले चुनावों में जातीय समीकरण साधा जा सके.