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रांची/डेस्क: महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित एक अनोखे गांव, द्रोणागिरी में भगवान हनुमान की नहीं बल्कि उनके प्रतिद्वंद्वी माने जाने वाले निंबा दैत्य की पूजा की जाती हैं. यहां के लोगों की यह मान्यता है कि जब भगवान हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत ले गए थे, तो उन्होंने वहां के पहाड़ देवता की साधना भंग कर दी थी और उनकी दाई भुजा भी उखाड़ दी थी. माना जाता है कि पर्वत से आज भी लाल रंग का रक्त बहता है, जो इस घटना का प्रतीक हैं.
द्रोणागिरी के लोग भगवान हनुमान को आदर नहीं देते और "हनुमान," "बजरंगबली," और "मारुति" जैसे नामों से दूरी बनाए रखते हैं. यहां तक की गांव में किसी भी प्रकार का लाल झंडा लगाना वर्जित हैं. खास बात यह है कि गांव में मारुति कंपनी की गाड़ियों का आना प्रतिबंधित है क्योंकि "मारुति" भगवान हनुमान का ही दूसरा नाम हैं. यदि कोई मारुति गाड़ी लेकर इस गांव में प्रवेश करता है, तो स्थानीय लोग उस पर तोड़फोड़ कर देते हैं.
इस गांव के लोग निंबा दैत्य को अपना आदि देवता मानते है और हर शुभ कार्य से पहले उनकी पूजा करते हैं. यहां के निवासियों ने अपनी बेटियों की शादी भी ऐसे गांव में करने से मना किया है, जहां भगवान हनुमान की पूजा होती हो.