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रांची/डेस्क:- मेनॉपाज वैसे तो बड़ी सामान्य घटना है. इस दौरान किसी टीनएज की तरफ बढ़ने वाली महिला मे जैसे पीरीयड आता है ठीक वैसे ही 49 से 51 वर्ष के बाद से महिलाओं में पीरियड आना लगभग बंद हो जाता है. इसी प्रक्रिया को मेनोपॉज कहा जाता है. इसकी बात करने से महिलाएं अक्सर बचती है पर इसमें ऐसा कुछ भी नहीं है जिसको लेकर महिला को चुप रहना चाहिए. अक्सर महिला का उम्र बढ़ने के दौरान बाल में सफेदपन व चेहरे पर झुर्रियां आना आम बात है, इस दौरान शरीर कमजोर होने लग जाता है. भूलने की भी परेशानी दिखने लग जाती है. नींद कम आने लगती है, पाचन शक्ति में भी असर दिखने लग जाता है. इम्युनिटी में भी असर दिखने लगता है.
कुछ लोगों को इससे संबंधित लाइफस्टाइल परेशानी भी घेर लेती है इसमे ऐसे महिलाए ज्यादा है जो अपने लाइपस्टाइल को लेकर बेखबर रहती है, खानपान मे कमी रहती है हरे सब्जी पॉस्टिक आहार में कमी दिखने लग जाती है. एक्सरसाइज वॉक वगेरह कम करती है. जो महिला अनुशासित जीवन जीती है उनके साथ इस तरह की परेशानी बहुत कम देखने को मिलती है.
प्री-मेनोपॉज़ में होता है कुछ ऐसा:
इसमे एग बनना कम हो जाता है, इस दौरान महिला के पास मां बनने के मौके कम हो जाते हैं.
पीरियड अनियमित हो जाते हैं और मन चिड़चिड़ा सा रहने लग जाता है. कभी एक महीने में दो बार तो कभी कभी तीन तीन महीने में पीरीयड आते हैं.
निजि पार्ट में सूखापन, बालों का झड़ना यौन संबंधों की इच्छा मे कमी, मोटापा, ब्रेस्ट ढ़ीला होने जैसा बदलाव नजर आने लग जाता है.