चंदन भट्टाचार्य/न्यूज11भारत
रांची/डेस्क: दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है. साल 2020 में रांची रेल मंडल की ओर से महिलाओं के सुरक्षित सफर के लिए 'मेरी सहेली' योजना की शुरुआत की गई थी. बाद में इसे देशभर में लागू किया गया. सभी रेल मंडल से बेहतर रिस्पॉन्स मिला है. इस योजना के शुरू होने से महिलाएं काफी खुश हैं. अब महिलाएं 'सहेली' के साथ सुरक्षित यात्रा कर रही हैं.
रेलवे से सफर करने वाली महिला यात्री अब बिल्कुल सुरक्षित हैं
रांची रेल मंडल के आरपीएफ कमांडेड पवन कुमार का कहना है कि भारतीय रेलवे की तरफ से मेरी सहेली योजना शुरू की गई है, जो सभी क्षेत्रों में ट्रेन से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखती है. यह पहल सितंबर 2020 में दक्षिणी पूर्व रेलवे के रांची रेल मंडल में एक पायलट परियोजना के तौर पर शुरू की गई थी. इसका बेहतर रिस्पॉन्स मिलने के बाद देशभर में इस योजना को 17 अक्टूबर 2020 को शुरू किया गया.
वहीं, इस संबंध में महिला यात्री ने कहा कि रेलवे से सफर करने वाली महिला यात्री अब बिल्कुल सुरक्षित हैं. खासकर जो महिला यात्री अकेले सफर करती हैं, उन यात्रियों का विशेष ध्यान मेरी सहेली रख रही है. देश के विभिन्न रेल मंडलों में इस योजना का बेहतर रिस्पॉन्स मिल रहा है. अकेली यात्रा करने वाली महिला यात्री सुकून के साथ अब ट्रेन से सफर कर रही हैं.
सुरक्षा के उद्देश्य से 'मेरी सहेली' योजना शुरु करने का लिया गया था निर्णय
सीनियर डीसीएम रांची रेल मंडल के निशांत कुमार ने बताया कि स्टेशन पर ट्रेन के आने से पहले प्लेटफार्म पर आरपीएफ की टीम ट्रेन के कोच संख्या के आधार पर खड़ी रहती हैं. प्लेटफार्म पर ट्रेन के रुकते ही हर कोच में टीम की एक-एक महिला जवान अंदर जाकर महिला यात्री से मेरी सहेली की पूरी जानकारी देकर एक फॉर्म में उनका मोबाइल, नाम और अंतिम स्टेशन के बारे में पूछती हैं. इसके अलावे प्लेटफार्म पर भी मेरी सहेली की टीम महिलाओं से लगातार पूछताछ करती है.
रेल मंत्रालय ने महिला यात्रियों की सुरक्षा के उद्देश्य से 'मेरी सहेली' योजना शुरु करने का निर्णय लिया था. इस योजना के तहत ट्रेन से सफर तय करने वाली महिला यात्रियों के बीच सुरक्षा की भावना पैदा करना है. महिलाओं की सुरक्षा और समस्याओं से निपटने के लिए मेरी सहेली निगरानी रखती है. पहले हमेशा यह शिकायत रहती थी कि ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़खानी हो जाती है. असामाजिक तत्वों की ओर से अकेली महिला यात्रियों को परेशान किया जाता है. इन समस्याओं को अब काफी हद तक दूर कर लिया गया है. मेरी सहेली की टीम को इसकी शिकायत मिलते ही तुरंत टीम के सदस्य रिस्पॉन्स देती हैं और समस्या को दूर किया जाता है.
इस टोल फ्री नंबर पर महिलाएं कर सकती हैं साझा
वहीं इस पर मेरी सहेली की टीम का कहना है कि एक बेहतर योजनाबद्ध तरीके से आरपीएफ की महिला विंग की 'मेरी सहेली' टीम बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. युवा महिला आरपीएफ कर्मियों की टीम महिला यात्रियों पर फोकस करती हैं और उन्हें यात्रा के दौरान किस तरह सुरक्षित रहना है. इसकी पूरी जानकारी दे रही है. 139 और 182 आपातकालीन नंबर भी ऐसी महिला यात्रियों के साथ साझा किया जाता है.