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रांची/डेस्क: भोपाल में नकली नोट बनाने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश हुआ हैं. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो नकली नोट बनाकर ठगी का कारोबार चला रहे थे. अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने नकली नोट बनाने का झांसा देकर एक व्यक्ति से 5 लाख 60 हजार रुपये की ठगी भी की थी.
कैसे हुआ इस ठगी का खुलासा?
इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब भोपाल के राजकुमार महरा नामक एक व्यक्ति ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई. राजकुमार के मुताबिक, उनका परिचित उस्मान उन्हें नकली नोट बनाने वाले लोगों से मिलवाने ले गया. उस्मान ने यह दावा किया कि इन लोगों के पास खास केमिकल और कांच की प्लेट के जरिये असली की तरह दिखने वाले नकली नोट बनाए जाते हैं. उसने बताया कि 7 लाख रुपये के केमिकल से 20 लाख रुपये के नकली नोट तैयार किए जा सकते हैं.
कैसे दी ठगी को अंजाम?
राजकुमार ने यह बताया है कि उसे ठगों ने एक फ्लैट में ले जाकर नकली नोट बनाने की प्रक्रिया दिखाई. इसके बाद उसे कुछ नकली नोट देकर कहा गया कि इन्हें बाजार में चला कर देखे. राजकुमार ने उन नकली नोटों से पेट्रोल भरवाया और किराने का सामान खरीदा, जिससे उसे लगा कि नोट असली हैं. इसके बाद ठगों ने उससे 2,60,000 रुपये मांगे और कहा कि कागज खरीदना हैं.
कुछ दिन बाद ठगों ने उसे फिर से 7 लाख रुपये का इंतजाम करने को कहा. जब राजकुमार ने इतनी बड़ी रकम का इंतजाम नहीं कर पाया, तो ठगों ने 4 लाख रुपये की व्यवस्था करने को कहा. उसने 3 लाख रुपये दिए और ठगों ने 4 दिन में केमिकल आने का वादा किया लेकिन 10 दिन बीतने के बाद भी कोई नहीं आया.
क्राइम ब्रांच ने की कार्रवाई
राजकुमार की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जांच शुरू की हैं. जांच के दौरान आरोपियों को पकड़ लिया गया, जिन्होंने पूछताछ में अपना जुर्म कबूल कर लिया. पुलिस ने उनके पास से नकली नोट बनाने की सामग्री भी बरामद की हैं.
अधिकारियों का बयान
क्राइम ब्रांच ने यह कहा है कि आरोपियों ने नकली नोट बनाकर ठगी करने की कई घटनाओं को अंजाम दिया हैं. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस गिरोह ने और कितने लोगों को ठगा है और इस रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं.