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रांची/डेस्क: - एक महिला का पोस्ट इसलिए छीन गया चुंकि उसने एक विवादित पोस्ट अपने सोशल मीडिया में कर दिया था. देश ही नहीं लड़की के पोस्ट से सरहद के पार भी विवाद खड़ा कर दिया है. न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में काम करने वाली डॉक्टर गाजा के आतंकी संगठन हमास के समर्थन में एक आपत्तिजनक बयान पोस्ट कर दी थी. इसको लेकर अंतर्राष्टी्य स्तर पर प्रतिक्रिया आने लगी थी. इस पोस्ट में हुए विवाद के चक्कर में उसे नौकरी से निकाल दिया गया.
न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में प्रोफेसर के पद पर काम करने वाली महिला ने हमास के आतंकवाद व हमंसा का समर्तन करते हुए उसे "महान प्रतिरोध और स्वतंत्रता सेनानी" बता दिया था. इसी को लेकर उसे नौकरी से निकाल दिया. रिपोर्ट के अनुसार उसने काफी लंबे समय तक हमास और हिजबुल्लाह जिंदाबाद को पोस्ट वायरल किए थे.
बतादें कि हमास एक फिलिस्तिनी उग्रवादी समूह है जो गाजा पर अपना नियंत्रण जमाए हुए हैं. वहीं हिजबुल्लाह की बात करें तो ये लेबनान में स्थित एक ईरान-समर्थित उग्रवादी संगठन है. इज़राइल, अमेरिका जैसे कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित कर दिया है.
आलोचनाएं
फ़िज़ीशियन्स अगेंस्ट एंटी-सेमिटिज़म नाम का एक संगठन ने कहा कि अब कोई भी यहुदी मरीज .ये विश्वास नहीं कर पाएगा कि उसे सुरक्षित इलाज भी मिल पाए. संस्था मे उनके सही इलाज होने पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो सकते हैं.
इसी दौरान अमेरिका में विदेशी छात्र को लेकर एक नई समस्या सामने आ गई है. कई स्टूडेंट के वीजा अब रद्द होने लगे हैं. खासकर के वैसे छात्र जो सोशल मीडिया पर ऐसे नारों का समर्थन करते नजर आ रहे थे. और विश्वविद्दयालय में प्रदर्शन का हिस्सा बने थे.
इसको लेकर एक नई नीति "कैच एंड रिवोक" लागू कियागया है.इससे सोसल मीडिया गतिविधि की समीक्षा ली जा रही है. इसमें किसी की नाकारात्मक जानकारी मिली तो उसकी वीजा तुरंत रद्द कर दी जा सकती है. बतादें कि तीन हफ्ते में 300 से भी ज्यादा छात्र के वीजा रद्द किए जा चुके हैं.