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सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा विधायक भूषण बाड़ा ने शुक्रवार को जिले में मेडिकल कॉलेज खुलवाने का मामला विधानसभा सत्र में उठाया है. विधायक ने सत्र में सरकार से पूछा कि आदिवासी बहुल सिमडेगा जिला में पूर्व में मेडिकल कॉलेज खोलने हेतु सरकार से स्वीकृति प्रदान की गई थी. लेकिन प्रशासनिक उदासिनता से कॉलेज को दूसरे जिले में स्थापित किया गया. इस पर सरकार द्वारा अपने जवाब में अस्वीकारात्मक बताया गया. इस पर विधायक ने गहरी नराजगी व्यक्त की. उन्होंने सरकार के जवाब का खंडन करते हुए कहा कि अगर जिले में पूर्व में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु सरकार से स्वीकृति प्रदान नहीं की गई थी, तो 2020 में मेडिकल कॉलेज निर्माण के नाम पर ठेठईटांगर के अंबापानी में जमीन चिन्हित क्यों कराई जा रही थी. विधायक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति नहीं मिलने के बावजूद जमीन चिंहित कर भोले भाले जनता को गुमराह करने का काम किया गया. साथ ही विपक्ष के लोगों को स्थानीय विधायकों की कार्यशैली पर सवाल उठाने का मौका देने का काम किया. विधायक ने कहा कि जमीन चिन्हित का कार्य करने के बाद मेडिकल कॉलेज नहीं खुलने से जिले के विधायकों को विपक्ष पार्टीयों द्वारा जनता के पास नीचा दिखाने का प्रयास किया गया था और यह मुद्दा लंबे समय तक चला था.
जिले में मेडिकल कॉलेज का अब तक प्रास्ताव नहीं होना आदिवासियों के साथ धोखा: भूषण बाड़ा
विधायक ने सरकार से जिले में कब तक एक मेडिकल खोलने पर सरकार द्वारा विचार किए जाने के संबंध में भी जानकारी मांगी. इस पर सरकार द्वारा बताया गया कि वर्तमान में अब तक जिले में ऐसा एक भी प्रास्ताव विचाराधीन नहीं है. इस पर भी विधायक ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर कई बार पहल की गई है. इसके बाद भी अब तक इस संबंध में कोई पहन नहीं किया जाना चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि झारखंड आदिवासियों का है. लेकिन सरकार के उदासिनता से आदिवासी बहुल जिले के बच्चे साधारण ग्रेजुएशन और आईटीआई की पढ़ाई तक सिमित हैं. जबकि इस चुनाव में 29 में से 28 आदिवासी सीट पर अबुआ सरकार पर आदिवासियों ने भरोसा जताया है. इसके बाद भी आदिवासी बहुल सिमडेगा जिले में मेडिकल कॉलेज निर्माण कराने पर विचार नहीं रखना आदिवासियों के साथ धोखा है.
सिमडेगा में पर्याप्त मात्रा में पदस्थापित करें चिकित्सक
विधायक ने विधानसभा सत्र में जिले में चिकित्सकों की कमी को भी दूर करने की मांग की है. विधानसभा सत्र में विधायक ने कहा कि जिले में चिकित्सकों एवं चिकित्सा सुविधा की घोर कमी है. चिकित्सकों की कमी के कारण गरीब जनता का सही तरीके से इलाज नहीं हो पा रही है. पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक नहीं रहने से लोग इलाज कराने के लिए रांची-राउरकेला पर आश्रित रहते हैं. जिसकी दूरी अधिक होने के कारण कई गरीब इलाज कराने में असमर्थ हो जाते हैं. वहीं समुचित इलाज के आभाव में कई बार लोगों की मौत भी हो जाती है.