न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: लोक आस्था के महापर्व चैती छठ का आज नहाए-खाए के साथ शुभारंभ हो गया हैं. देशभर में विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में इस पर्व की धूम देखने को मिल रही हैं. गंगा, कोसी और अन्य पवित्र नदियों के घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी हैं. छठ व्रती और उनके परिजनों ने सूर्योदय से पहले ही स्नान कर व्रत की शुरुआत की.
गंगा घाटों पर उमड़ा आस्था का सैलाब
सुबह होते ही पटना, भागलपुर, वाराणसी और सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. व्रती पूरी शुद्धता के साथ नदियों में स्नान कर छठ माता से परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना कर रहे हैं. घाटों पर प्रशासन की ओर से विशेष सुरक्षा और सफाई व्यवस्था की गई है ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो.
नहाए-खाए का विशेष महत्व
पहले दिन छठ व्रती शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए कद्दू-भात और चना दाल का प्रसाद ग्रहण करते हैं. इसे पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ तैयार किया जाता है और परिवार के सभी सदस्य मिलकर इसे ग्रहण करते हैं. कई घरों में इस अवसर पर गंगाजल का भी उपयोग किया जाता है, जिससे प्रसाद को और भी पवित्र माना जाता हैं.
2 अप्रैल को खरना, फिर 36 घंटे का कठिन उपवास
2 अप्रैल को व्रती खरना करेंगे, जिससे पूरे दिन उपवास के बाद गुड़, गंगाजल और दूध से बनी खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगे. इसके बाद से व्रती 36 घंटे का कठिन निर्जला व्रत रखेंगे और अगले दिन 3 अप्रैल को डूबते सूर्य का पहला अर्घ्य देंगे. इस साल चैती छठ में गर्मी भी बड़ी चुनौती बन रही हैं. तापमान लगातार बढ़ रहा है, जिससे निर्जला उपवास रखने वाले व्रतियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं. हालांकि व्रती पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ इस कठिन तपस्या को निभाने के लिए तैयार हैं. महापर्व का समापन 4 अप्रैल की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होगा. इस दिन लाखों श्रद्धालु घाटों पर जुटेंगे और छठ माता से आशीर्वाद मांगेंगे. इसके बाद व्रती पारण कर व्रत का समापन करेंगे.