अरुण कुमार/न्यूज़11 भारत
गढ़वा/डेस्क: गढ़वा जिले में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत पांच दिवसीय फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया. जिसके अंतिम दिन के पलामू आईजी सुनील भास्कर इस आयोजन में पहुंचे. वहीं समापन मैच में एसपी गढ़वा, डीसी गढ़वा एवं सीआरपीएफ के अधिकारियों ने खेल का आनंद लिया. गढ़वा जिला नक्सल प्रभावित जिलों में एक माना जाता था, यहां कभी नक्सलियों का बोलबाला हुआ करता था. गढ़वा का कुछ प्रखंड जहां नक्सलियों की सरकार चलती थी चाहे भंडारिया प्रखंड हो , रमकंडा प्रखंड हो या चिनियां, रंका और धुरकी प्रखंड हो इन सभी जगहों पर नक्सलियों का वर्चस्व चलती थी. जहां से युवाओं को नक्सली अपने संगठन में ले जाया करते थे. लेकिन समय बदला और इन क्षेत्रों के युवाओं का समय के साथ सोच भी बदली जो युवा नक्सलियों के डर से भय के साए में रहने को मजबूर थे. अब वो खुले मैदान में खेलते हुए खेल को अपनाया है, आज इन्हीं क्षेत्रों के युवाओं ने बालिका विद्यालय गढ़वा के मैदान में खेलते हुए अपने खेल का प्रदर्शन किया. जिसमे भंडारिया और चिनियां प्रखंड के खिलाड़ियों खेल का प्रदर्शन किया गया, जिसमें चिनियां टीम ने भंडरिया को तीन-दो से हराया.
वहीं महिला टीम रामकंडा और रंका के बीच खेल का प्रदर्शन किया गया जिसमें रामकंडा की टीम ने जीत हासिल की. वहीं इस मौके पर पहुंचे आईजी पलामू सुनील भास्कर ने कहा कि गढ़वा पुलिस की एक अच्छी पहल है जो कि सामुदायिक पुलिसिंग के तहत इतने बृहद पैमाने पर यह आयोजन कराया गया. उन्होंने कहा कि गढ़वा, पलामू , लातेहार नक्सल प्रभावित क्षेत्र हुआ करता था , और यही युवा जो आज खेल का प्रदर्शन कर रहें हैं पहले इन्हीं युवाओं को नक्सली अपने संगठन में शामिल किया करते थे , लेकिन इसी तरह का प्रयास रहा कि एक समन्वय स्थापित कर युवाओं को नक्सलियों के मांद से खींचकर हम लोग उन्हें मुख्यधारा में लाए, और यह प्रयास अभी भी लगातार जारी है , वहीं उपायुक्त गढ़वा ने कहा कि यह एक अच्छी पहल है, जो सुदूरवर्ती इलाके में रहने के बाद भी युवा अच्छा खेल का प्रदर्शन कर रहें हैं, हमलोग का प्रयास है कि युवा वर्ग मुख्य धारा में रहकर अपने भविष्य को संवारने का काम करें.