प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: अन्तरजातीय विवाह कर अपने गांव इचाक में रहकर दिल्ली कोचिंग चलानेवाले राहुल को शायद ही यह आभास रहा होगा कि उसकी हत्या उसी के गांव में होगी और हत्यारे और कोई नहीं उसके पिता और भाई ही होंगे. जिनके संग बचपन गुजरा, हांथ पकड़कर चलना सीखा, खेला- कूदा, पढ़-लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो पाया. उसे क्या पता था कि दिल्ली में सालों रहने के बाद अंतरजातीय विवाह करके घर आने के बाद पूरी संपत्ति को कब्जाने का सपना देखनेवाला उसका छोटा भाई ही आगे चलकर विलेन बन जायेगा. राहुल और पूजा की हत्या की पृष्ठभूमि पहले से तैयार थी, 15 जून वह तारीख थी, जब दोनों की हत्या करके लाश को श्मशान घाट में ले जाकर जला दिया गया. यह प्री प्लानिंग मर्डर था, जिसमें हत्या में पिता-छोटे भाई ने कई लोगों को शामिल किया.
पहले से दोनों की लाश को जलाकर राख कर देने के इंतजाम भी कर लिये. इसके लिये लकड़ियों का भी प्रबंध कर लिया गया था. इधर कई दिनों से गायब कोचिंग संचालक और उनकी पत्नी को लेकर छात्र कोचिंग और कभी इधर उधर उन्हें तलाशते रहे. जबकि राहुल के पिता-भाई और परिजशन खामोशी से अपने काम में लगे रहे. छात्रों ने हल्ला किया तो सभी के कान खड़े हुए और राहुल के ससुरालवालों ने पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज करायी. कई दिन बीतने के बाद पुलिस को भी यह भरोसा नहीं हुआ कि एक पिता-भाई की हरकतें इस तरह एक शातिर क्रिमनल की हो सकती है. लेकिन जब श्मशान घाट में दो लाशों के जलने और चूड़ी मिलने के बाद गुस्सा भड़का, लाश दोनों की ही जली है तो मामले में गिरफ्तारी शुरू हुई और कड़ियां फिर एक दूसरे से जुड़ती चली गयी.
गांव से विक्की कुमार और आशीष पांडेय की गिरफ्तारी के साथ पूरी तरह मामला खुलता चला गया और हत्या में कई लोगों के शामिल होने की बात आते ही छापेमारी भी होने लगी. जिसके बाद राहुल के पिता ईश्वर प्रसाद मेहता, छोटा भाई बबलू प्रसाद मेहता के अलावा तीन अन्य लोगों को पकड़ा गया. मामले का पटाक्षेप एक फरार आरोपी की शनिवार देर रात रांची से गिरफ्तारी के बाद पटाक्षेप हो गया. वहां से आरोपी को लेकर पुलिस हजारीबाग पहुंचने के बाद उससे पूछताछ कर रही है. इस बाबत एसपी अरविंद कुमार सिंह से पूछने पर उन्होंने कुछ भी बताने इंकार किया, पर कहा कि रविवार को पूरा मामला सबके सामने होगा.
गांववालों की माने तो घर से अलग होकर चाचा के मकान में रहकर कोचिंग चलानेवाले राहुल के पक्ष में मां रही, उसे संपत्ति से बेदखल करने की बजाय उसे हिस्सा देने के पक्ष में वह थी. राहुल के ससुरालवाले पूजा यादव के पिता राममूर्ति यादव, भाई विनोद यादव, बहन डॉ नीलम यादव और जीजा डॉ हिमांशु यादव श्मशान जाकर साक्ष्य जुटाने में ही पिछले कई दिनों लगे हैं, इस उम्मीद में कि कोई सुराग और मिल जाए. वैसे इस दोहरे हत्याकांड के बाद पूरे इचाक में रोष है तो वहीं अपने गांव और समाज में यह परिवार बहिष्कृत हो चुका है. रविवार को इसे लेकर समाज की बड़ी बैठक भी होनेवाली है.