न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: जापान की राजधानी टोक्यो ने प्रजनन दर में सुधार लाने के लिए एक अनोखी पहल शुरू की है, जिसके तहत अब कर्मचारियों को सप्ताह में सिर्फ चार दिन ही काम करना होगा. टोक्यो गवर्नर युरिको कोइके ने ऐलान किया है कि अगले साल अप्रैल से कर्मचारियों को ऑप्शन मिलेगा कि वे सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी ले सकें.
परिवार और करियर के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश
वर्तमान में जापान में उच्च बर्थ रेट की समस्या को लेकर चिंता बढ़ रही हैं. कई जोड़े बच्चों के पालन-पोषण के लिए अपने करियर को बीच में छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं. जिसके लिए गवर्नर कोइके ने कहा है कि “हमारी इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति अपने करियर को छोड़ने के लिए मजबूर न हो सिर्फ इसलिए क्योंकि उसे बच्चों की देखभाल करनी हैं.” उनका यह कहना है कि यह कदम जापानी जोड़ों को बच्चों के जन्म के लिए प्रोत्साहित करेगा और परिवारों को बढ़ावा देगा.
माता-पिता के लिए राहत
इस योजना का खास फायदा उन माता-पिता को मिलेगा जिनके बच्चे प्राथमिक विद्यालय में हैं. इस नीति से उन्हें काम करने के कम घंटों का विकल्प मिलेगा, जिससे वह अपने बच्चों की देखभाल आसानी से कर सकेंगे और उनकी तनख्वाह में भी संतुलित कटौती होगी.
वैश्विक स्तर पर 4-डे वर्क वीक की सफलता
यह पहल जापान की एक नई कोशिश है, जिसे वैश्विक स्तर पर भी अपनाया जा चुका हैं. 2022 में 4 डे-वीक ग्लोबल द्वारा यह प्रयोग किया गया था और इसमें शामिल 90% से अधिक कर्मचारियों ने इस शेड्यूल को बनाए रखने की इच्छा जाहिर की थी. इसके साथ ही सिंगापुर जैसे अन्य एशियाई देशों ने भी लचीले काम के घंटों की दिशा में कदम बढ़ाए हैं.