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रांची/डेस्क: आजकल साइबर अपराधियों का मनोबल काफी बढ़ चूका है. बीते दिनों इनका मनोबल इतना बढ़ गया था कि कुछ साइबर अपराधियों ने सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक वेबसाइट पर फिशिंग हमला बोलने का प्रयास किया था. ऐसे में लोगों को सावधान रहने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस भी जारी किया था. यह लोग अलग-अलग तरीके से लोगों को ठगने का काम कर रहे है. ऐसे में साइबर ठगी के मामले रोजाना बढ़ते ही जा रहे है. ऐसे में अब साइबर ठग आपसे एक नए तरीके से ठगी कर सकते है. वह है QR कोड स्कैन करके ठगी करने का तरीका. जी हां आपने सही सुना. बेंगलुरु में एक प्रोफेसर को इस स्कैम में फसाकर ठगों ने उनके बैंक खाते से 63,000 रुपए उड़ा दिए थे.
कैसे होता है QR कोड स्कैम?
QR कोड स्कैम में स्कैमर्स लोगों को किसी बहाने से एक फर्जी QR कोड भेजते है. कई बार तो सैमेर्स कई सार्वजनिक स्थानों में यह फर्जी QR कोड चिपका देते है. ऐसे में इसे स्कैम करने की संभावना ज्यादा हो जाती है. दिखने में यह जरा भी फर्जी नहीं दीखते है, यह देखने में बिलकुल असली लगते है. इन QR कोड़े जो जैसे ही कोई व्यक्ति स्कैन करता है, यह उसे एक फिशिंग वेबसाइट या ऐसे पेज पर ले जाता है, इस जगह से उस व्यक्ति के फ़ोन में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है. इस बारे में उस व्यक्ति को पता भी नहीं चलता है.
मालवेयर इंस्टॉल होने के बाद क्या होता है?
एक बार जब फ़ोन में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद स्कैमर्स व्यक्ति की सारी निजी जानकारी चुरा लेते है. कई बार तो वह फ़ोन का पूरा एक्सेस अपने पास ले लेते है. इसके बाद व्यक्ति उसे देखने के अलावा और कुछ नहीं कर पता है. जब तब व्यक्ति कोई कार्रवाई करता है, इतने में उसके खाते से सारे पैसे उड़ जाते है.
ऐसे स्कैम से कैसे बचे?
रोजाना ऐसे स्कैम बढ़ते ही जा रहे है. ऐसे में खुद के साथ स्कैम होने से सावधान रहना काफी जरूरी है. अगर आप कही भी QR कोड के माध्यम से पेमेंट करते है, तो पेमेंट करने से पहले रिसीवर से वेरीफाई हो जाए. कोड स्कैन करने पर रिसीवर का नाम आ रहा है कि नहीं इस बात का भी ख़ास ध्यान रखें. इसके अलावा सार्वजनिक स्थान में किसी भी अनजान व्यक्ति से मिलकर उसका QR कोड नहीं स्कैन करें. कई जगहों पर भी ऐसे QR कोड चिपके रहते है, उन्हें भी स्कैन ना करें.