न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: आज 23 जनवरी, 2025 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अद्वितीय नायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस का 128वीं जयंती मनाई जा रही हैं. इस दिन को 'पराक्रम दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है और यह न केवल उनकी वीरता को सम्मानित करता है बल्कि हमें स्वतंत्रता संग्राम की उन महान गाथाओं की याद दिलाता है, जो नेताजी ने रचीं.
नेताजी का जन्म 23 जनवरी, 1897 को बंगाल के कटक शहर में हुआ था और उनके माता-पिता, जानकीनाथ बोस और प्रभावती देवी ने उन्हें देशभक्ति की दीक्षा दी. बोस की शिक्षा का सफर भी अविस्मरणीय था. अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के बल पर उन्होंने 1918 में दर्शनशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और 1919 में सिविल सेवा परीक्षा में चौथी रैंक हासिल की लेकिन एक ऐसा मोड़ आया, जब ब्रिटिश शासन के खिलाफ उनकी ललकार से उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. नेताजी के शब्दों में "मैं भारतीयों के खिलाफ काम नहीं कर सकता'" यही था उनका देशभक्ति का असली प्रतीक.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन कभी न थमने वाली प्रेरणा हैं. उन्होंने न केवल भारतीयों को जागरूक किया बल्कि विदेशों में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को प्रबल रूप से समर्थन भी दिलवाया. 1942 में उन्होंने 'आजाद हिंद फौज' का गठन किया और 'दिल्ली चलो' का उद्घोष किया, जो स्वतंत्रता की लहर को और मजबूत कर गया. उनके द्वारा स्थापित आजाद हिंद रेडियो के माध्यम से दी गई शक्तिशाली घोषणाएं आज भी भारतीयों के दिलों में गूंजती है: "तुम मुझे खून दो और तुम्हें आजादी दूंगा." आज के दिन देशभर में इन महान नेता की जयंती के अवसर पर कार्यक्रमों की क लहर चल रही हैं. कटक में आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम से लेकर स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षा संस्थान में नेताजी के योगदान को आज भी याद किया जाता हैं.
इन बड़े नेताओं ने दी श्रद्धांजलि