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रांची/डेस्कः- देश में लंबित मामलों के बोझ को कम करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्री ने लगभग 800 सांयकालीन अदालतों को शाम में काम करने की योजना बना रहे हैं. इसमें मामूली अपराध शामिल होंगे जैसे चेक विवाद के मामले, संक्षिप्त सुनवाई मामले जिसकी अधिकतम सजा तीन साल की होगी.
रिटायर न्यायधीश होंगे नियुक्त
इसको लेकर विधि मंत्रालय ने एक नोट जारी किया है. जिसे पिछले महीने हर राज्यों को भेजा गया है. ऐसे में पिछले तीन सालों के भीतर रिटायर हुए जिला न्यायधीशों को अनुबंध के आधार पर नियुक्त करने का प्रस्ताव है. इसमें उन्हे देय भत्ते के साथ साथ अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत राशि भी मिलेगी.
शाम 5 से 9 बजे के बीच होगी काम
नोट में ये भी जिक्र है कि सांयकालीन अदालत हर कार्यदिवस में 5 से 9 के बीच काम करेगी. इससे पहले की अदालत में अपना काम सुचारू रुप से करेगी वहीं उन्ही अदालत की सुविधाओं का प्रयोग सांयकालीन अदालतों के लिए की जाएगी. बता दें कि सेवानिवृत जिला न्यायधीश और अदालती कर्मचारी तीन साल की अवधी के लिए ही नियुक्त होंगे. अन्य सेवा निवृत अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं तो उनके लिए भी यही नियम लागू होगा.
कोर्ट का बोझ होगा कम
प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि इस सांयकालीन अदालत में तीन साल से अधिक समय से लंबित आपराधिक मामलों की सुनवाई की जाएगी. पहले तीन साल फिर उसके बाद 6 साल वाले कारावास मामलों की सुनवाई की जाएगी. इसके तहत ऐसे मामलों को लक्षित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें लंबी सुनवाई की जरुरत नहीं है, इससे कोर्ट का बोझ कम हो सकता है.
अदालत में लंबित मामले
बतादें कि देश में कोर्ट के लंबित मामलों के अंबार है. राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड पोर्टल के अनुसार इस साल 21 फरवरी को तक 4.60 करोड़ मामले लंबित थे, इनमें से 1.09 करोड़ सिविल व 3.5 करोड़ आपराधिक मामले लंबित हैं. इनमे से 44.55% मामले तीन साल से लंबित हैं. इतने भारी संख्या में मामले लंबित होने के एक मात्र कारण है न्यायिक अधिकारियों में कमी का होना.