प्रमोद कुमार/न्यूज़11 भारत
बरवाडीह/डेस्क: बरवाडीह प्रखंड के मोरवाई पंचायत स्थित ऐतिहासिक ततहा कुंड पानी में मकर संक्रांति के पावन अवसर पर हर वर्ष की तरह इस बार भी वार्षिक मेले का आयोजन किया गया. झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर पहुंचे. कुंड में स्नान और पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ अर्जित किया.
भव्य मेले में जनप्रतिनिधियों का योगदान
मेले को सफल बनाने के लिए पंचायत और ग्राम सभा ने पूरी तैयारी की थी. पश्चिमी जिला परिषद सदस्य संतोषी शेखर, कांग्रेस स्टेट कोऑर्डिनेटर विजय बहादुर सिंह, प्रखंड अध्यक्ष प्रिंस गुप्ता, मोरवाई पंचायत के मुखिया आशीष सिंह और रविंद्र राम ने श्रद्धालुओं के बीच चूड़ा गुड़ और तिलकुट का वितरण किया. उनकी उपस्थिति ने मेले में आए लोगों का उत्साह और बढ़ाया.
ततहा कुंड का धार्मिक और औषधीय महत्व
ततहा कुंड को धार्मिक और औषधीय दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इस गर्म जलकुंड में स्नान करने से त्वचा रोग समेत कई बीमारियां दूर होती हैं. मकर संक्रांति पर यहां स्नान करना अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना जाता है. यही कारण है कि हर साल हजारों श्रद्धालु यहां जुटते हैं.
सुविधाओं की कमी ने डाली खलल
हालांकि, इस बार भी मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को जर्जर सड़कों की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ा. ग्राम सभा के अध्यक्ष सुमन सिंह ने बताया कि राज्य सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण बरवाडीह से मंडल मार्ग का निर्माण अब तक नहीं हो सका है. हालांकि, अस्थायी रूप से 50 ट्रैक्टर मिट्टी और मौरंग डालकर सड़क को बेहतर बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन स्थायी समाधान की आवश्यकता है.
आस्था, संस्कृति और सामुदायिक एकता का उत्सव
मकर संक्रांति पर ततहा कुंड का यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है. मेले के दौरान कुंड परिसर में भक्तिमय माहौल और चहल-पहल देखने लायक थी. यह मेला न केवल श्रद्धालुओं के लिए धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव का भी जरिया है.