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रांची/डेस्क: आगरा में मुर्दों को पेंशन दिया जा रहा था. जहां 471 मुर्दे लगभग 8 करोड़ 51 लाख की पेंशन डकार गए. मामला सामने आया तो कार्यवाही के डर से 8 करोड़ 51 लाख रुपए वापस करने पड़े. आगरा में मुख्य कोषाधिकारी की सतकर्ता की वजह से 471 मृतकों के चुना लगा रहे परिजनों से विभाग ने 8 करोड़ 51 लाख रुपए की वसूली की है. बता दें कि पेंशन प्राप्तकर्ता की मृत्यु के बाद विभाग को इसकी जानकारी देनी होती है. लेकिन इन मृतकों के परिजनों विभाग को इसकी कोई जानकारी नहीं दी.
बताया जा रहा है कि 1465 पेंशनरों की 30 सितंबर 2023 आगरा जनपद में तक मृत्यु हो गई थी. उनके परिजनों के द्वारा उनकी मृत्यु की जानकारी नहीं दी गई थी. मृत लोगों की सुचना न पर 8 करोड़ 51 लाख रुपए का भुगतान 471 मृत लोगों को कर दिया गया था. नियमानुसार पेंशनरों को साल में एक बार ट्रेजरी में जीवित प्रमाण पत्र देना होता है. जिसके बाद अगले एक साल तक बिना किसी बाध्यता के पेंशन संबंधित व्यक्ति के खाते में भेजी जाती थी. वहीं अगर किसी पेंशनर की मृत्यु बीच में हो जाती है तो इसकी सुचना कोषागार अधिकारी को देनी होती है. सुचना नहीं देने पेंशन यथावत खाते में जाती रहती है. साल में एक बार जब जीवित प्रमाण पत्र मांगा जाता है, तब खुलासा होता है.
मुख्य कोषाधिकारी ने धनराशि ट्रेजरी में जमा करने के लिए भेजे थे पत्र
मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान ने पेंशनरों के परिजनों को कई पत्र धनराशी को ट्रेजरी में जमा करने के लिए भेजे गए थे. इसके साथ ही विभाग की ओर से हर सप्ताह फोन करके पैसा जमा करने के लिए भी कहा जाता था. इस पहल से कोषागार को सुखद परिणाम मिला और 8 करोड़ रुपए 30 अप्रैल तक वसूल लिए गए. मुख्य कोषाधिकारी रीता सचान ने कहा कि अभियान आगे भी जारी रहेगा. परिजनों से यह अनुरोध किया गया है कि वें पेंशनरों के मृत्यु की सुचना समय पर दें. जिससे राजकोष का धन समय पर वापस आ सके.