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सिमडेगा/डेस्क: झारखंड सरकार और डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर आज सिमडेगा नगर भवन में जन शिकायत समाधान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे सिमडेगा की जनता खुल कर पुलिस अधिकारियों के सामने अपनी शिकायत रखे.
सिमडेगा में आयोजित जन शिकायत कार्यक्रम में वरीय पुलिस अधिकारी के रूप में जगुआर के आईजी अनूप बिरथरे उपस्थित रहे. जगुआर के आईजी अनूप बिरथरे पूर्व में सिमडेगा के एसपी के रूप में भी कार्य कर चुके हैं. इसलिए यहां की जनता एकबार फिर से उनको अपने बीच पाकर पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी शिकायतों को उनके पास रखा. जिसमे पुलिस के खिलाफ भी शिकायत किए गए. जगुआर के आईजी अनूप बिरथरे सभी की शिकायतों को एक एक कर सुनते हुए सभी का समाधान करवाने का आश्वासन दिया. कार्यक्रम के दौरान नगर भवन में पुलिस विभाग द्वारा स्टॉल भी लगाए गए थे. जहां सुबह से हीं लोग पहुंचकर अपनी शिकायत संबधित आवेदन जमा करना शुरू कर दिए थे. आईजी अनूप बिरथरे ने जनता को संबोधित करते हुए उन्हें साइबर ठगी से बचने के लिए जागरूक होने की बात कही. इसके साथ उन्होंने जीरो एफआईआर और ऑनलाइन एफआईआर के बारे में जनता को जानकारी दिए. इसके पूर्व इस जनसंवाद कार्यक्रम में स्थानीय लोगों ने विभिन्न समस्याओं को सामने रखा. एक महिला ने अपने पति को मुंबई से वापस लाने की गुहार पुलिस अधिकारियों से लगाई. सामटोली निवासी अलेक्जेंडर कुल्लू ने अपने क्षेत्र में बिजली के खंभे लगाने की मांग रखी. वहीं, विनीता खाखा नामक महिला ने शराब पीकर हुड़दंग मचाने वालों और सामाजिक तत्वों के जमावड़े पर रोक लगाने की मांग की. उन्होंने सिमडेगा शहर के वेडिंग ज़ोन में हो रहे जुए के कारण उत्पन्न समस्याओं को भी उठाया. दोरोथिया बघवार नामक महिला ने जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित अपनी समस्या रखी. परवेज आलम, जो भट्टी टोली के निवासी हैं, उन्होंने अपनी ज़मीन से जुड़ा गंभीर मामला पुलिस के समक्ष रखा. उन्होंने बताया कि फरसा बेड़ा में उनकी 6 एकड़ जमीन पर अजित नवरंगी और उनके भाई अनिल नवरंगी ने 9 वर्षों तक कब्जा कर रखा था. न्यायालय का फैसला परवेज आलम के पक्ष में आया, परंतु इसके बावजूद उन्हें लगातार डराया और धमकाया जा रहा है. उन्होंने सुरक्षा की मांग की.
इस अवसर पर आईजी अनूप बिरथरे ने सभी शिकायतों को गंभीरता से सुनते हुए एसपी सिमडेगा को निर्देश दिए कि समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए.
आईजी ने मीडिया के साथ बात करते हुए बताया कि जन शिकायत समाधान कार्यक्रम के माध्यम से पुलिसिंग को एक अनोखी और नायाब पहचान देने के की सोच झारखंड सरकार और डीजीपी अनुराग गुप्ता की है. उन्होंने कहा कि पुलिस का पहला मकसद है कि जनता अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए थाने तक नही जाए, बल्कि मोबाइल, वाडसअप, मेल आदि के माध्यम से घर बैठे पुलिस तक जनता अपनी शिकायत पहुंचा दे, ताकि जल्द से जल्द उनकी शिकायत के समाधान के लिए पुलिस कार्य शुरू कर दे. उन्होंने बताया कि अभी लगातार सिमडेगा में पंचायतवार भी इस तरह के कार्यक्रम आयोजित कर जनता की शिकायत को दूर किया जा रहा है.
सिमडेगा में राजधानी रांची के जैसे लगातार आ रहे जमीन को लेकर विवाद के मामले आने वाले समय में हत्याओं जैसे अपराध बढ़ा सकता है. आईजी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए इसपर विशेष ध्यान देने की बात कही है.