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सिमडेगा/डेस्क: मन में राम तन में राम हर जुबां पर बस राम हीं राम. श्रीराम के जन्मोत्सव पर सिमडेगा में रामनवमी का विशाल जुलुस निकाला गया.रामनवमी पर रविवार को दोपहर बाद शहर के सभी 12 अखाड़े के राम भक्त अस्त्र शस्त्र और विशाल बजरंगी झंडे के साथ महाबीर चौक पर इक्कठे हुए. शोभायात्रा शहर के हृदयस्थली सह मुख्य कार्यक्रम स्थल महावीर चौक से निकली. ऊंचे ध्वज एवं भगवा पताकों के साथ निकली शोभायात्रा जय श्री राम से जयकारे से गुंजता रहा. प्रशासनिक निर्देशों के मुताबिक डीजे नहीं बजे, लेकिन विभिन्न अखाड़ा के लोग ताशा एवं ड्रम बजाते रहे. शोभायात्रा में राम भक्तों में अयोध्या राम मंदिर का उत्साह नजर आया. शोभायात्रा में अपार भीड़ उमड़ी. बड़ी संख्या में पुरुष, महिलाएं एवं बच्चे शामिल होकर भगवान राम की शोभायात्रा की शोभा को बढ़ाया. शोभायात्रा महावीर चौक प्रारंभ होकर मुख्य पथ होते हुए नीचे बाजार तक गई.
जुलुस के स्वागत में अंजुमन के द्वारा भट्टीटोली में इंतजाम किए गए थे. जहां शर्बत की व्यवस्था की गई थी. इसके सहित नीचे पेट्रोल पंप पर, साहा होटल के पास रोहिल्ला पथ के पास, प्रिंस चौक आदि में भी जुलुस के लिए शर्बत की व्यवस्था रखी गई थी. जो इस भीषण गर्मी में राम भक्तों को राहत प्रदान की.
जुलुस के दौरान सुरक्षा के खासा इंतजाम देखने को मिले. जगह जगह मजिस्ट्रेट और पुलिस बल तैनाथ नजर आए. भट्ठीटोली में एसडीओ प्रकाश ज्ञानि रंजन, बीडीओ समीर रौनियार, एसडीपीओ बैजू उरांव, डीएसपी हेड क्वार्टर रणवीर सिंह पुलिस बल के साथ सुरक्षा में तैनात दिखे. सीओ इम्तियाज अहमद और सदर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विनोद कुमार पासवान जुलुस के साथ साथ चलते रहे. इसके अलावे हर थोडी थोडी दुरी पर पुलिस बल और मजिस्ट्रेट सुरक्षा में तैनाथ रहे. एसपी सौरभ ने खुद सुरक्षा का जायजा लिया. एसडीओ पुरे विधि व्यवस्था में नजर बनाए रखे. शहर में सुरक्षा में कुल 186 मजिस्ट्रेट 147 पुलिस पदाधिकारी, करीब 400 जवान और गश्ती दल लगाए गए थे. पुरे जुलुस की विडियोग्राफी प्रशासन के द्वारा कराई गई.
पुरे जिले भर में रामनवमी का पर्व श्रद्धा एवम उल्लास पूर्वक मनाया गया. रामनवमी को लेकर जिले भर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. रामनवमी जुलूस के दौरान विभिन्न चौक-चौराहों पर पुलिस बल एवं पदाधिकारी पूरी तरह मुस्तैद रहे.
सिमडेगा में 43 वर्षों से निकली जा रही है रामनवमी की जुलूस
सिमडेगा में सन 1982 से सौहादर्यपूर्ण रामनवमी मनाने का सिलसिला शुरू हुआ था. 43 वर्ष पूर्व लगाया गया परंपरा का बीज अब वट वृक्ष का रूप ले लिया है. 43 वर्ष पूर्व यहां सिर्फ एक अखाडा था. आज यहां 12 अखाडा तैयार हो चुका है. जुलुस के दौरान अखाडों के नवयुवक पारंपरिक हथियारों का प्रदर्शन करते हुए चलते है. रामनवमी का जुलूस पुरे शहर की परिक्रमा करते हुए जब भट्ठी टोली पंहुचती है तो अंजुमन और मुहर्रम कमिटि के लोग बडे सिद्दत के साथ इस जुलूस में शामिल राम भक्तों का इस्तेकबाल करते हैं.
सिमडेगा में सौहार्द और भाई चारे की ऐसी परंपरा चलती आ रही है कि अलग अलग मजहब के लोग बडे हर्ष के साथ एक दुसरे के पर्व त्योहारों में शामिल होकर मेल जोल की भावना को बढाते हैं.