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रांची/डेस्क: नक्सली हमेशा अपना कदम बड़ी सावधान से रखते है. वह कुछ भी करने से पहले उस चीज़ के बारे में काफी जांच-पड़ताल करते है. वह समाज में रह कर भी अपना काम बड़ी चालाकी से करते है. लेकिन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के शीर्ष सात सदस्यों में से एक सदस्य नक्सली चलपति की एक गलती के कारण उसकी मौत हो गई, उसकी गलती क्या थी. उसने अपनी पाठी के साथ एक सेल्फी लिया था. बस वह सेल्फी सुरक्षा बालों के हाथ लग गई. इसके बाद सुरक्षा बालों ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक अभियान के दौरान नक्सली चलपति, के नाम से पहचाने जाने वाले रामचंद्र रेड्डी अपने 13 साथियों के साथ मारा गया.
2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में किया था हमला
साल 2008 में ओडिशा के नयागढ़ जिले में माओवादी हमले का नेतृत्व चलपति ने किया था. इस हमले में कुल 13 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. ऐसे में इस नक्सल विरोध अभियान में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार २२ जनवरी को बताया कि, साल 2008 के 15 फरवरी के हमले की साजिश शीर्ष माओवादी नेता रामकृष्ण ने रची थी. लेकिन इस हमले को अंजाम चलपति ने दिया था. आपको बता दे कि रामकृष्ण की मौत हो चुकी है.
उन्होंने आगे बताया कि उस दौरान चलपति ने पुलिस के हथियारों की लूटपाट की थी. इसके बाद उसने माओवादियों को नयागढ़ से सफलतापूर्वक भागने में मदद भी की थी. मिली जानकारी के अनुसार चलपति आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का रहने वाला था. वह मुख्य रूप से ओडिशा और छत्तीसगढ़ में सक्रिय था. लेकिन अब आंध्र प्रदेश में माओवादी गतिविधियां समाप्त हो चुकी है.
कई भाषा जानता था चलपति
मिली जानकारी के अनुसार, चलपति करीब 60 साल का था. वह छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दरभा में पिछले कुछ सालों से रह रहा था. वह अपने घुटने की समस्या से काफी परेशान था. इस कारण से वह ज्यादा कहीं सफ़र नहीं कर पाता था. एक अधिकारी ने बताया कि दक्षिणी राज्यों में उत्पात मचा रहे प्रतिबंधित पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्लूजी) में चलपति ने अपने शुरुआती वर्षों में जॉइनिंग की थी. वह कभी स्कूल नहीं गया था. इसके बावजूद भी वह हिंदी, अंग्रेजी, तेलुगु, और उड़िया भाषा का जानकार था.
पत्नी संग सेल्फी लेना बना मौत का कारण
चलपति जंगलों में रहता था. इस दौरान उसकी दोस्ती आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (एओबीएसजेडसी) की ‘डिप्टी कमांडर’ अरुणा उर्फ चैतन्या वेंकट रवि से हुई. इसके बाद दोनों के बीच की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई. इसके बाद चलपति ने उससे शादी कर ली. वह सुरक्षा एगेंसियों के पकड़ से दूर था. लेकिन उसने अपनी पत्नी के साथ एक सेल्फी ली. इस कारण से उसकी पहचान हो गई. उसपर फिर 1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित कर दिया गया.
मुठभेड़ से बरामद स्मार्टफ़ोन से मिली सेल्फी
अधिकारी ने बताया कि साल 2016 के मई महीने में आंध्र प्रदेश में माओवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी. इसके बाद एक स्मार्टफ़ोन बरामद किया गया था. इस स्मार्टफ़ोन से ही चलपति और अरुणा की सेल्फी मिली थी. पुलिस ने बताया कि छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर सुरक्षा बालों के साथ मुठभेड़ में नक्सली चलपति और उसके साथ उसके 14 माओवादी साथी मारे गए. इनमे से दो नक्सलियों को सोमवार 20 जनवरी की सुबह मार गिराया गया. इसी दिन देर रात एक और मुठभेड़ के बाद कुल 12 माओवादी को मार दिया गया.