खलिहानों में रखे धान बर्बाद होने की आशंका, धान के बोझों को प्लास्टिक से ढक कर सुरक्षित रख रहे किसान
प्रशांत शर्मा//न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग में अचानक हुई बारिश और शीतलहर से ठंढ बढ़ गया. ठंढ बढ़ने से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया. पिछले दो दिनों से आसमान में बादल छाया हुआ हैं. सोमवार को अगले सुबह हल्की बारिश हुई और आसमान में दिन भर काले घने बादल छाए रहे. वहीं चारों तरफ कुहासा छाया रहा. इधर अचानक बढ़े ठंड और शीतलहर से लोग अपने घरों में दुबके रहे. बाजार में सन्नाटा छाया रहा. ठंड से फुटकर दुकानदार, दैनिक मजदूर, विद्यार्थी और सरकारी कर्मी को अपने काम पर जाने में परेशानी हुई तो वहीं खलिहान में रखे धान के फसल बर्बाद होने की आशंका से किसान चिंतित नजर आए. किसान जैसे तैसे प्लास्टिक अथवा त्रिपाल ढंककर कर अपने फसल को बचाने का प्रयास करते नजर आए.
बताते चलें कि वर्तमान समय में धान के तैयार फसल को खेतों से काटकर खलिहान में रखा गया है और धान झाड़ने की प्रक्रिया जारी हैं. किसान सीताराम कुशवाहा ने बताया कि ऐसे मौसम में धान के फसल को नुकसान होने की संभावना है लेकिन आलू समेत रबी फसल के लिए यह मौसम लाभदायक हैं. मालूम हो कि हज़ारीबाग में पिछले 24 घंटे से मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा हैं. सोमवार को सुबह से ही रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी ने ठंडक में इजाफा कर दिया हैं. आसमान में घने बादल छाए हुए है और सूर्य देवता के दर्शन तक नहीं हुए. दोपहर के समय भी ऐसा महसूस हो रहा था जैसे शाम का वक्त हो. ठंडी हवाओं और हल्की बारिश ने ठिठुरन बढ़ा दी है, जिससे लोगों को घरों में दुबकने पर मजबूर होना पड़ा हैं. शहर के कई हिस्सों में लोगों ने ठंड से बचने के लिए अलाव जलाना शुरू कर दिया हैं. खासकर सुबह और शाम के समय जगह-जगह लोग अलाव के पास बैठे नजर आ रहे हैं. ठंड बढ़ने के साथ ही गर्म कपड़ों की मांग अचानक बढ़ गई हैं. बाजारों में दुकानों पर रौनक लौट आई है और लोग स्वेटर, जैकेट, मफलर और ऊनी कपड़ों की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं. सोमवार को बारिश की वजह से बाजारों में भीड़ कम थी लेकिन दोपहर बाद ग्राहकों ने बाहर निकलकर खरीदारी शुरू की.
मौसम विभाग का कहना है कि अगले पांच दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहेगा. हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है और ठंडी हवाएं चलती रहेंगी. मौसम के इस बदले हुए मिजाज ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है क्योंकि बारिश के कारण फसल कटाई और अन्य कृषि कार्य प्रभावित हो सकते हैं. यह ठंडा और गीला मौसम बच्चों और बुजुर्गों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है इसलिए चिकित्सकों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी हैं. ठंडी हवाओं और गीले मौसम के चलते सर्दी-खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं. लोग गर्म पेय पदार्थों, जैसे चाय और सूप का आनंद लेकर खुद को गर्म रखने की कोशिश कर रहे हैं.