प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: शहर के मालवीय मार्ग रोड स्थित राणी सती दादी मंदिर में भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के बीच राणी सती दादी का भव्य विवाह उत्सव पूरे पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया गया. मंदिर परिसर को फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था. यह आयोजन भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक उत्सव के साथ-साथ सांस्कृतिक आयोजन का संगम बन गया. उत्सव की शुरुआत हल्दी और मेहंदी की रस्मों से हुई. दादी के विवाह की तैयारियों में सजी-धजी महिलाएं उत्साहपूर्वक इन रस्मों में शामिल हुई. पूरे मंदिर परिसर में मंगल गीत गूंजते रहे, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया. हल्दी और मेहंदी के बाद ढोल-नगाड़ों और शहनाई की मधुर धुन के बीच दादी की भव्य बारात निकाली गई. बारात में राणी सती दादी के दूल्हे, तनधन जी के बाल स्वरूप में साची को दूल्हे के वेश में सजाया गया था. बारात में महिलाएं और पुरुष जय दादी की के जयकारे लगाते हुए श्रद्धा से झूमते नजर आए. यह बारात शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए मंदिर परिसर पहुंची. मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद राणी सती दादी के विवाह की सभी रस्में पारंपरिक रूप से संपन्न की गई. राणी सती दादी के बाल स्वरूप में पूर्वी और तन धन जी के बाल स्वरूप ने दादी भक्तों को आशीर्वाद दिया.
इस मौके पर सभी भक्तों ने जमकर नृत्य किया और खुशी मनाई. विवाह उत्सव के समापन पर भक्तों के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया. सभी दादी भक्तों ने इस अवसर पर प्रसाद ग्रहण कर दादी का आशीर्वाद प्राप्त किया. यह आयोजन भक्तों के लिए अध्यात्म, आस्था और आनंद का अद्भुत संगम बन गया. दादी के विवाह उत्सव को लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखा गया. इस आयोजन ने सभी भक्तों के दिलों में भक्ति का नया जोश भर दिया. राणी सती दादी मंदिर कमेटी के सदस्यों ने कहा की राणी सती दादी का विवाह उत्सव हमारे मंदिर और दादी भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. यह न केवल हमारी धार्मिक परंपराओं को जीवित रखने का माध्यम है बल्कि श्रद्धालुओं के बीच भक्ति और आपसी एकता का भी प्रतीक हैं. इस आयोजन में भक्तों का जोश और आस्था देखकर हमें बेहद खुशी हुई. हर साल इस उत्सव को और भी भव्य बनाने की हमारी कोशिश रहती हैं. इस बार भी सभी रस्मों को विधिवत संपन्न किया गया. भक्तों की उपस्थिति और उनका उत्साह हमारे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा हैं.