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हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग जिले में जमीन माफियाओं का राज है. हालात ये है इनलोगों की वक्र दृष्टि जिस भी जमीन पर पड़ी समझ लो उस जमीन के मालिक के दुर्दिन शुरू हो गया. खासकर गरीब और कमजोर तब्के के लोगों की जमीन पर ये गिद्ध की नजर जमाए हुए है. अब तो प्रतिष्ठित और सीधे-साधे लोगों की जमीन पर भी ये कब्जा करने की जुगत में हैं.
वैसी जमीन जिसपर किसी कारण से विवाद खड़ी है या फिर जो जमीन इन्हें जंच गया उस भू-खंड पर जबरदस्ती विवाद उत्पन्न करा दिया जा रहा है. जमीन कब्जा करने के लिए ये लोग हर तरीके का इस्तेमाल कर रहें हैं. मजे की बात यह है कि यह सारा काम पुलिस के नाक के नीचे हो रहा है लेकिन कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है.
कृष्णापूरी मुहल्ला बना हॉट स्पॉट
मटवारी कृष्णापुरी मुहल्ला जमीन माफियाओं के लिए हॉट-स्पॉट बना हुआ है. यहां लगभग चार-पांच अलग-अलग लोगों के जमीन पर माफियाओं ने दावा ठोक दिया है. वे भाड़े की महिलाओं को लेकर पहुंच रहे हैं. ये महिलाएं संबंधित जमीन की मालिकों के साथ गाली-गलौज, मारपीट, धमकी और बलात्कार के केस में फंसा देने की बात करती है जिससे भू-खंड मालिक डरे-सहमें हुए हैं. कुछ तो अपने गांव भी भाग गए हैं. इस मामले पर भी-खंड मालिकों से बात करने पर उन्होनें कहा कि ये लोग हुजूम में आते हैं और गाली-गलौच देकर मार-कुटाई करते हैं. चूकिं महिलाएं साथ होती हैं तो ये कुछ कर नहीं पाते.
पुलिस का रवैया असहयोगात्मक, रैयतों में हैरत
जमीन मालिकों से बात करने पर उन्होनें बताया कि इस मामले को लेकर वे कई बार थाने का चक्कर लगा चूकें हैं. लेकिन बार-बार उनके मामलों को टाल दिया जाता है. टालमटोल की नीति अपनायी जा रही है. और तो और जमीन मालिकों को बोला जाता है कि लड़ाई मत किजिएगा. नहीं तो एफआईआर आप लोगों पर कर दिया जाएगा. कम से कम थाना नियमसंगत कार्रवाई तो करे. थाने से लेकर जिले के बड़े अधिकारियों तक दौड़ लगाई गई पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
केस स्टडी-1
भू-माफिया के चक्रव्यूह में रेलवे आरपीएफ के अनुप प्रसाद गुप्ता भी शामिल हैं. कृष्णापुरी गली नंबर-05 में 34 डिसमिल जमीन पर इनका कब्जा है. 1968 में इनकी मां ने रैयती जमीन ली थी. तबसे रसीद कट रहा है. मां के बाद भाई -बहन के नाम से रसीद कटने लगा. इसमें 3 डिसमील जमीन बदलैन द्वारा लिया गया. जो कि कागजात के द्वारा लिखा पढी से हुआ. कृष्णापुरी में जमीन का रेट कई गुना बढ़ गया है. तो पुराने कागजातों को दरकिनार कर माफियाओं द्वारा पुराने चाहरदीवारी को तोड़कर तीन डिसमिल जमीन को कब्जा कर लिया गया है. कब्जे के समय काफी हंगामा हुआ, थाना-पुलिस हुआ लेकिन कब्जा आखिर कर ही लिया गया.
केस स्टडी- 2
वहीं, कृष्णापुरी लोचन पथ भूनेश्वर महतो की आठ डिसमिल जमीन का भी यही हाल है. पिछले रविवार को महिला गैंग को उनके घर में प्रवेश कराकर कब्जा कर लिया गया. उन्होनें बताया कि उक्त भू-खंड 1987 से उनके कब्जे में हैं. 2024 तक आठ डिसमिल जमीन का रसीद अप टू डेट है. उनके घर के ताले को तोड़ दिया गया. लगभग एक दर्जन महिलाएं अभी भी उक्त भू-खंड में रहती है. वो रात को वहीं सोती हैं. वहां पर जाने पर अभद्र इशारे और फंसाने की धमकी देती है.