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रांची/डेस्क: दिल्ली सहित देशभर में 1 अप्रैल 2025 से नए महीने के साथ-साथ नए वित्तीय वर्ष की भी शुरुआत हो गई है. इसके साथ ही बैंकिंग सेवाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव भी मंगलवार से प्रभावी हो गए हैं. इन बदलावों से दिल्ली में न केवल बैंक की छुट्टियों के कारण सेवाएं प्रभावित होंगी, बल्कि कई नए नियम भी लागू हो गए हैं, जो ग्राहकों के लेन-देन और बैंकिंग अनुभव को बदल सकते हैं. आइए जानते हैं, ये बदलाव क्या हैं और इनका लोगों पर क्या असर पड़ेगा?
बैंकिंग सेक्टर में लागू होने वाले नए नियम
1. UPI आईडी एक्टिवेशन नियम
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के नए दिशा-निर्देशों के तहत, यदि किसी ग्राहक का यूपीआई से लिंक मोबाइल नंबर लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है, तो संबंधित यूपीआई आईडी को बंद किया जा सकता है.
2. न्यूनतम बैलेंस (minimum balance) की नई शर्तें
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) जैसे प्रमुख बैंक अपने खाताधारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस नियमों में बदलाव कर सकते हैं. दिल्ली के शहरी क्षेत्र के ग्राहकों को अब 5 से 10 हजार रुपये तक का औसत मासिक बैलेंस बनाए रखना अनिवार्य हो सकता है.
3. पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य
5000 रुपये से अधिक मूल्य के चेक के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) लागू किया जा सकता है. यह सुरक्षा उपाय अनधिकृत लेन-देन को रोकने में मदद करेगा.
4. क्रेडिट कार्ड और एफडी में बदलाव
कुछ बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड के फायदों में संशोधन किया जा सकता है. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में भी बदलाव संभव है.
5. एटीएम निकासी और डिजिटल बैंकिंग सुधार
एटीएम से नकद निकासी की सीमा में बदलाव हो सकता है. साथ ही, डिजिटल बैंकिंग सेवाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित नए फीचर्स जोड़े जा सकते हैं.
ग्राहकों के लिए सुझाव
इन नए नियमों और बैंक अवकाशों को ध्यान में रखते हुए, ग्राहकों को अपनी बैंकिंग गतिविधियों की पहले से योजना बनानी चाहिए. यूपीआई आईडी को सक्रिय रखना, न्यूनतम बैलेंस सुनिश्चित करना, और डिजिटल बैंकिंग सुविधाओं को समझना फायदेमंद रहेगा.