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रांची/डेस्क: वर्क्फ बिल को लेकर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के बाद अब नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी मोदी सरकार का समर्थन किया है. जेडीयू के मुख्य सचेतक सुनील कुमार ने लोकसभा में एक पत्र जारी कर पार्टी के सांसदों को 2, 3 और 4 अप्रैल को संसद में मौजूद रहने का व्हिप जारी किया है, साथ ही सरकार का समर्थन करने का निर्देश दिया है.
JDU सांसद रामनाथ ठाकुर का बयान
वर्क्फ (संशोधन) बिल पर जेडीयू सांसद रामनाथ ठाकुर ने कहा कि उनकी पार्टी सरकार के साथ है. उन्होंने बताया कि JDU ने बिल पर तीन सुझाव दिए थे, जिन्हें सरकार ने स्वीकार कर लिया है. इसके अलावा, TDP भी सरकार का समर्थन कर रही है, और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा तथा चिराग पासवान की पार्टी भी बिल के पक्ष में हैं.
वक्फ संशोधन विधेयक में बदलाव
वर्क्फ (संशोधन) विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जो JPC की सिफारिशों पर आधारित हैं. साथ ही, जेडीयू और टीडीपी की ओर से किए गए संशोधनों को भी सरकार ने मान लिया है. यह विधेयक कल लोकसभा में पेश किया जाएगा. मोदी सरकार वक्फ बिल को पास कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है, जबकि विपक्ष NDA के सहयोगी दलों को निशाने पर रखते हुए सियासी लड़ाई की तैयारी कर रहा है. कांग्रेस इस मुद्दे पर मंडल-कमंडल की तर्ज पर टकराव की रणनीति भी बना रही है.
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस का मानना है कि वक्फ बिल के जरिए सरकार, विशेष रूप से बीजेपी, हिन्दू-मुस्लिम के एजेंडे पर काम कर रही है. कांग्रेस इसके खिलाफ जातिगत जनगणना, आरक्षण की सीमा 50 फीसदी तोड़ने जैसे मुद्दे को उठाकर बीजेपी के एजेंडे से टकराने की योजना बना रही है.
JDU के सुझाव
वक्फ संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद जेडीयू ने कुछ सुझाव दिए हैं, जो इस प्रकार हैं:
1. वक्फ संपत्ति का मामला राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में रहेगा.
2. वक्फ संपत्ति की पहचान के लिए राज्य सरकार कलेक्टर से ऊपर के रैंक के अधिकारी को नियुक्त कर सकती है.
3. मौजूदा मस्जिदों, दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थानों पर कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
4. यह कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा.
5. औकाफ की सूची को गजट में प्रकाशित होने के 90 दिनों के भीतर ऑनलाइन पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा.
6. विधेयक के अनुसार, वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल होंगे, और वक्फ बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे.
बता दें कि वक्फ़ संशोधन विधेयक 2024 भारतीय लोकसभा में 8 अगस्त 2024 को पेश किया गया. विधेयक में 1923 के मुस्लिम वक्फ़ अधिनियम को रद्द करने और 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्ताव रखा गया है.