श्रीकांत/रवि / न्यूज11 भारत
गिरीडीह/डेस्कः झारखंड के माथे पर दलालों और बिचौलियों ने गरीबों और भ्रष्टाचार लिख दिया है. बड़े-बड़े कई मामलों को आपने सुना होगा पर बिचौलिये गरीबों की थाली का निवाला भी डकर गए. इसका ताजा उदाहरण, गिरीडीह जिले में देखने को मिलेगा जहां जन वितरण प्रणाली से त्रस्त ग्रामीण आज सड़क पर उतर आए. झारखंड यूथ फोर्स के बैनर तले हजारों की संख्या में ग्रामीण जमुवा अंचल कार्यालय में तालाबंदी करने पहुंचे. जमुवा प्रखंड में जन वितरण प्रणाली में हुए गबन व दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने जनवरी, फरवरी माह का राशन सही तरीके से डीलरों को आवंटित करते हुए गरीबों के राशन वितरण सुनिश्चित करने समेत जमुवा अंचल कार्यालय में जमीन म्युटेशन जाति प्रमाण पत्र समेत तमाम कागजी प्रक्रिया व प्रखंड कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार के विरोध में हजारों की संख्या में महिला पुरुष रैली की सकल में प्रखंड कार्यालय पहुंचे और राशन कालाबाजरी समेत प्रशासन और सरकार के विरुद्ध में जमकर नारेबाजी की. पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के तहत पुलिस बल भी काफी संख्या में मौजूद थे. इस दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत का सामना भी करना पड़ा .
जिले में 87 हजार क्विंटल अनाज घोटाला
गिरिडीह में 87 हजार क्विंटल अनाज घोटाले को लेकर बात सामने आई थी. अनाज घोटाले को लेकर जांच की जा रही है खाद्य आपूर्ति विभाग के अपर सचिव अनिल कुमार सिंह अपनी टीम के साथ कई बार जिले का दौरा कर चुके हैं आपूर्ति कार्यालय में अनाज घोटाले को लेकर बारी-बारी से कागजातों की जांच भी की गई है. इस दौरान विभिन्न सहायक गोदाम प्रबंधक, डोर स्टेप के संवेदकों से भी पूछताछ हुई साक्ष्य जुटाए गए. सूत्रों की मानें तो जांच में कई तरह की गड़बड़ियां भी पाई गई. मगर अब तक जांच किस दिशा में आगे बढ़ रही है जांच रिपोर्ट कब तक आएगी दोषियों पर कार्यवाई न होने की सूरत में जनता में आक्रोश बढ़ता जा रहा है जिस कारण अब जनता सड़क पर आने को विवश हो चुकी है.
डोरस्टेप डिलीवरी व ट्रांसपोर्ट के दौरान हुआ बड़ा खेल
सूत्रों की मानें तो गोदाम डोरस्टेप डिलीवरी संवेदक ट्रांसपोर्टर व विभाग की मिलीभगत से इतना बड़ा घोटाला हुआ. दरअसल लॉकडाउन व कोरोना महामारी के दौरान राज्य सरकार व केंद्र सरकार की दोनों की और से डबल अनाज गरीबों को दिया जाना था बस इसी दौरान गोदाम व डीलर के बजाय अनाज की बड़ी खेप राइस व फ्लौर मिल्स में भेज दी गई. गोदाम से ट्रक प्रखंड के निकलती जरूर थी मगर रातों-रात ट्रक का गंतव्य स्थान बदल जाया करता था. ट्रांसपोर्टर व डोरस्टेप डिलीवरी संवेदकों की भूमिका की जांच होनी चाहिए जिससे मामले में पड़ी ढूंढ छट सकें.
केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने भी की है कार्रवाई की मांग
केंद्रीय राज्य शिक्षा मंत्री और कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी ने भी राज्य सरकार से पूरे मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की मांग की है. अन्नपूर्णा देवी ने गिरिडीह जिले में हुए 87 हजार क्विंटल अनाज घोटाले के मामले में दोषियों पर प्राथमिक की दर्ज करने समेत अनाज घोटाले की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की मांग राज्य सरकार से की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार यानी कि मोदी सरकार के द्वारा भेजे गए अनाज को गरीबों की थाली तक दलाल व बिचौलिये किस्म के लोगों ने पहुंचने ही नहीं दिया जिसकी बानगी है कि जिले में 87 हजार क्विंटल अनाज का घोटाला हुआ जांच करने पर कई अन्य भी चौंकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि जल्द जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.