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रांची/डेस्क: आज कल करीब सबकी जिंदगी काफी व्यस्त हो गई है. ऐसे में लोग अपना ख्याल रखना भूल गए है. ऐसे में काम को लेकर कई लोग काफी तनाव में भी रहते है. ऐसे में कई लोगों को स्पैम कॉल्स भी आते है. इससे लोग और भी ज्यादा तनाव में आ जाते है. कई बार तो लोग इससे इतना चिड़चिड़ा जाते है कि वह अपने फ़ोन तक तोड़ देते है. कई लोग तो इससे छुटकारा पाने के लिए अपना फ़ोन साइलेंट में कर लेते है. ऐसे में उन्हें राहत तो मिलती है, लेकिन अगर किसी को अर्जेंट काम हो तब उसका कॉल नहीं उठा पाएंगे, क्योंकि उनका फ़ोन तो साइलेंट में है. लेकिन अब इन स्पैम कॉल्स से आराम से छुटकारा मिल जाएगा. इसे लेकर TRAI ने एक बड़ा कदम उठाया है. आइये आपको इस बारे में पूरी जानकारी देते है.
भारतीय टेलिकॉम अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने स्पैम कॉल्स को रोकने के लिए नियमों को और सख्त किया है. ऐसे में उनके द्वारा पेनाल्टी की भी बात की गई है. अब मोबाइल इस्तेमाल करने वाले लोग जो स्पैम कॉल्स से परेशान हो चुके है, अब वह आराम से स्पैम कॉल्स की रिपोर्ट कर सकेंगे. यही नहीं अब वह अनचाहे कोमेशियल कॉल्स से भी छुटकारा पा सकेंगे. इस बारे में TRAI ने X पर पोस्ट करते हुए जानकारी दी है.
TRAI ने टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशन कस्टमर प्रिफ्रेंसेंस रेगुलेशन (TCCCPR), 2018 में संशोधन किया है. ऐसा TRAI कंज्यूमर्स प्रोटेक्शन को बेहतर करने के लिए किया है. इस संशोधन के बाद अब यूजर्स को 10 नंबर से आने टेलीमार्केटिंग कॉल्स से छुटकारा मिल सकेगा. यहीं नहीं अब इन कॉल्स को रिपोर्ट करने के भी तरीके को आसान किया गया है. इसके साथ ही टेलिकॉम कंपनियों पर जुर्माने लगाने की भी बात कही गई है. इस बात को लेकर टेलिकॉम कंपनियों ने आपत्ति दर्ज की है.
नई सीरीज होगी लागू
कमर्शियल कम्युनिकेशन के लिए TRAI ने पहले ही 10 नंबर वाले मोबाइल नंबर को बंद कर दिया था. अब इसके लिए नए नंबर सीरीज की शुरुआत की जाएगी. यह 140 और 1600 सीरीज से शुरू होगी. प्रमोशनल्स कॉल्स के लिए 140 नंबर सीरीज और ट्रांजैक्शन रिलेटेड कॉल्स के लिए 1600 सीरीज के नंबर का इस्तेमाल किया जाएगा.
अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स की खैर नहीं
TRAI के नए फैसले के बाद अब अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स पर शिकंजा कसा जाएगा. ऐसे में जो अपनी मर्जी से टेलीकॉम रिसोर्स का इस्तेमाल करते है. उनके खिलाफ जुर्माना भी लगाया जाएगा. ऐसे में अगर पहली बार टेलीमार्केटर्स नियमों का उल्लंघन करते है तो उन्हें पर 15 दिन का सस्पेंशन होगा. अगर दूसरी बार नियम तोड़ा जाए तो 1 साल के लिए टेलीकॉम रिसोर्स को डिस्कनेक्ट किया जा सकता है.
टेलीकॉम कंपनियों पर भी लगेगा फाइन
नियमों में संशोधन के बाद अब टेलिकॉम ऑपरेटर्स को जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है. नॉन कंप्लाइंस के लिए फाइनेंशियल पेनल्टीज का सामना टेलिकटम कंपनियां को करना पड़ सकता है. जुर्माने की शुरुआत रकम 2 लाख रुपए होगी, यह राशि 5 लाख रुपए तक जा सकती है. अगर दूसरी बार गलती की जाती है तो यह जुर्माने की राशि 10 लाख रुपए तक जा सकती है.
मैसेजिंग ऐप्स क्यों है बाहर?
नए संशोधन को लेकर टेलिकॉम कंपनियों की संस्था COAI ने आपत्ति दर्ज की है. इसके साथ उन्होंने इस बात को मेंशन किया है कि इसमें सोशल मैसेजिंग ऐप्स जैसे टेलीग्राम और व्हाट्सएप को बाहर क्यों रखा गया है.